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Corona Time Stories : मैं आइसोलेशन खत्म कर स्वस्थ हो गया हूं

Corona Time Stories : मैं आइसोलेशन खत्म कर स्वस्थ हो गया हूं - corona time stories
घर के वैद्य न बनें....
 
ये हैं  प्रणव कुमार द्विवेदी, उच्च माध्यमिक शिक्षक जो वर्तमान में विकासखंड स्रोत केंद्र समन्यवक, जनपद शिक्षा केन्द्र खाचरोद जिला उज्जैन में कर्तव्यस्थ हैं। मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल की विगत वर्षों तक जो संस्कृत की किताबें कक्षा 9 और 10 में दूर्वा नाम से चल रही थीं उनके लेखकों में से एक हैं। मेरी मुलाकात इनसे फेसबुक के माध्यम से हुई, हमेशा मुझे बड़ी बहन मानते, मान-आदर देते। किस्मत से रिश्तेदारी भी निकल आई। कोरोना काल की कहानियों में उन्होंने मुझे एक सन्देश भेजा जो आप सभी के लिए लाभप्रद होगा। बिना किसी फेरबदल के दे रही हूं....
 
साथियों सादर अभिवादन,
 
मैं आज अपना 14 दिन का आइसोलेशन खत्म कर पूर्णतः स्वस्थ हो गया हूं।
 
दिनांक 17 की रात को मुझे ठंड लगकर बुखार आया और पूरे शरीर में बहुत ज्यादा दर्द भी होने लगा।
 
सुबह होते ही सर्वप्रथम मैंने फीवर क्लीनिक जा कर अपना RTPCR टेस्ट करवाया और वहां से लौटते हुए डॉक्टर को दिखाते हुए ही घर आया डाक्टर के अनुसार मैं सिमटोमेटिक था ।
 
मैंने घर आते ही सर्वप्रथम अपने को अपने कमरे में सबसे अलग कर लिया और किसी को भी कमरे में नहीं आने की हिदायत दे दी।अपने खाने के बर्तन अलग करवा लिए। अगले दिन जैसी आशंका थी मेरी रिपोर्ट पॉजिटिव आई।
 
एलोपैथी के इलाज के साथ साथ गर्म पानी ही पिया साथ ही 3 बार भाप ली और सुबह शाम काढ़ा(आधा कप मात्र) भी पिया। 2 दिन बाद स्वाद और गंध आना बंद हो गया लेकिन मैंने खाना नहीं छोड़ा पतली खिचड़ी बनवाकर उसे ही आंख बंद कर पी जाता। इसके साथ ही 3 बार फ्रूट सलाद भी लेता रहा। रात को सोने से पहले हल्दी वाला दूध पी कर सो जाता था।
 
कभी नकारात्मक खयाल अपने अंदर नहीं आने दिए हमेशा यही सोचा की सामान्य वायरल है। समाचार चैनल भूल कर भी नहीं देखे....
 
दोस्तों यह सब इसलिए लिख रहा हूं कि कोरोना को यदि सही समय पर काबू में कर लिया जाए तो यह हमारे लिए घातक नहीं होगा।
 
आपको जैसे कुछ लक्षण महसूस हों आप घर के वैद्य न बनें। तत्काल किसी अच्छे डाक्टर को दिखाएं उनके द्वारा दी गई दवाएं प्रारम्भ करें। हर किसी को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं होती है जिनका ऑक्सीजन लेवल 90 या उससे कम है उन्हें ही अस्पताल की आवश्यकता होती है बाकी लोग घर पर ही आइसोलेट होकर अपना इलाज अच्छे से कर सकते हैं।
 
इस बीच आपको बहुत से सलाह देने वाले आसपास के घर के लोग भी मिलेंगे जो विभिन्न तरह का इलाज बताएंगे लेकिन आपको आपके डॉक्टर की सलाह माननी है घबराना बिल्कुल नहीं है आप जीत जाएंगे।
 
अंत में
 
कोरोना से जीत के 2 मंत्र-
 
1  लक्षण दिखाई देते ही खुद इलाज न करते हुए तत्काल डॉक्टर को दिखाएं।
 
2  सकारात्मक दृष्टिकोण रखें कि आपको कुछ नहीं होगा।
 
सर्वे संतु निरामया:
 
आपका
 
प्रणव कुमार द्विवेदी
 
विश्वास करते हैं कि कोरोना को परस्त करने वाली ये अनुभवों से भरी सच्ची कहानियां कहीं न कहीं आपको लाभ के साथ प्रेरणा भी देतीं होंगी। हमारा ये प्रयास उन सभी के लिए जो, कोरोना को ले कर भयभीत हो रहे/हो जाते हैं...उन्हें हिम्मत मिले...ताकत मिले...