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Last Modified: सोमवार, 3 दिसंबर 2018 (17:43 IST)

मध्यप्रदेश में आदिवासी इलाकों में बंपर वोटिंग, महिलाओं ने पछाड़ा शहरियों को

मध्यप्रदेश में आदिवासी इलाकों में बंपर वोटिंग, महिलाओं ने पछाड़ा शहरियों को - Madhya Pradesh assembly elections
भोपाल। मध्यप्रदेश में इस बार बढ़े मतदान प्रतिशत में महिलाओं का बड़ा योगदान रहा। खास बात ये रही कि जिले के आदिवासी क्षेत्रों छिंदवाड़ा, बैतूल और आलीराजपुर की महिलाओं ने शहरी क्षेत्रों की महिलाओं को मतदान के मामले में काफी पीछे छोड़ दिया। दोनों ही दल अब इसका श्रेय लेने में जुट गए हैं।


हालांकि मतदान कार्यों से जुड़े अधिकारियों का दावा है कि ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के बीच मेहंदी, रंगोली और पिकनिक जैसी सिस्टमेटिक वोटर्स एजुकेशन एंड इलेक्टोरल पार्टिसिपेशन (स्वीप) गतिविधियों के चलते महिलाओं ने इस बार मतदान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।

निर्वाचन आयोग की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक इस बार मध्यप्रदेश में 75.05 फीसदी मतदान हुआ। महिलाओं का मतदान प्रतिशत इस बार पिछले चुनाव की तुलना में करीब 4 फीसदी बढ़कर 74.03 प्रतिशत रहा। वर्ष 2013 में महिलाओं का मतदान प्रतिशत 70.11 प्रतिशत था। महिलाओं के मतदान प्रतिशत में भी सबसे आगे छिंदवाड़ा जिला रहा। यहां 83.92 फीसदी महिलाओं ने मतदान किया।

पिछले चुनाव में यहां करीब 80.42 फीसदी महिलाएं मतदान के दिन घरों से निकलीं थीं। प्रदेश का आदिवासी बहुल बैतूल जिला महिलाओं के मतदान प्रतिशत के हिसाब से दूसरे स्थान पर रहा। यहां की 81.43 और नक्सल प्रभावित बालाघाट की 81.19 फीसदी महिलाओं ने मताधिकार का उपयोग किया।

बैतूल जिला स्वीप समिति सदस्य उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग उपसंचालक डॉ. आशा उपवंशी वासेवार का कहना है कि इस बार स्वीप गतिविधियों के चलते महिलाओं में मतदान के प्रति अपार उत्साह रहा। ग्रामीण क्षेत्रों में बूथ अवेयरनेस ग्रुप (बैग) और बूथ सेना बनाई गई। गर्भवती और धात्री महिलाओं को दी गईं विशेष सुविधाओं के चलते भी बड़ी संख्या में महिलाएं मतदान के लिए निकलीं। मेहंदी, रंगोली जैसी महिलाओं से जुड़ी प्रतियोगिताएं भी असरकारी रहीं।

वहीं शहरी क्षेत्र की महिलाएं मतदान के प्रति उदासीन दिखाई दीं। राजधानी भोपाल की 65.13, व्यावसायिक राजधानी इंदौर की 69.88 और ग्वालियर की मात्र 62.54 प्रतिशत महिलाएं मतदान के लिए निकलीं। ग्वालियर से सटे भिंड जिले में सबसे कम केवल 60.64 प्रतिशत महिलाओं ने मतदान किया। विधानसभावार मतदान में रतलाम जिले की सैलाना विधानसभा की 87.05 प्रतिशत महिलाओं ने मतदान कर अन्य सभी 229 विधानसभाओं को पीछे छोड़ दिया।

छिंदवाड़ा की सौंसर विधानसभा की 86.98, अमरवाड़ा की 86.62 और आदिवासी बहुल आलीराजपुर की थांदला विधानसभा की 85.90 फीसदी महिलाओं ने मतदान के दिन अपने घरों का काम छोड़कर मतदान को प्राथमिकता दी। वहीं दोनों दल महिलाओं के बढ़े मतदान प्रतिशत को अपनी मेहनत का फल बता रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल के मुताबिक पार्टी की ओर से कुछ महीनों से कमल शक्ति अभियान चलाया जा रहा था जिसके तहत उन्हें उनके और परिवार भर के मतदान के लिए जागरूक किया गया था।

महिलाओं के बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की लोकप्रियता के चलते भी महिलाओं ने बड़ी संख्या में मतदान किया। दूसरी ओर कांग्रेस प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी का दावा है कि प्रदेश में बढ़ते महिला अपराधों के चलते महिलाओं ने अपना आक्रोश जताने हेतु इतनी बड़ी संख्या में मतदान किया है। चतुर्वेदी ने कहा कि महिलाओं में भाजपा सरकार के प्रति गुस्सा है जिसके चलते बड़ी संख्या में महिलाएं मतदान के लिए निकलीं।