शुक्रवार, 19 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. व्रत-त्योहार
  3. महावीर जयंती
  4. Mahavir Bhagwan Ki Arti
Written By

24वें तीर्थंकर भगवान महावीर की जयंती पर पढ़ें 3 विशेष आरतियां

24वें तीर्थंकर भगवान महावीर की जयंती पर पढ़ें 3 विशेष आरतियां - Mahavir Bhagwan Ki Arti
Mahavir Bhagwan Ki Arti
 
यहां पढ़ें जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी की 3 खास आरतियां। 
 
आरती 1 : जय महावीर प्रभो
 
जय महावीर प्रभो, स्वामी जय महावीर प्रभो।
कुंडलपुर अवतारी, त्रिशलानंद विभो॥ ॥ ॐ जय.....॥
 
सिद्धारथ घर जन्मे, वैभव था भारी, स्वामी वैभव था भारी।
बाल ब्रह्मचारी व्रत पाल्यौ तपधारी ॥ ॐ जय.....॥
 
आतम ज्ञान विरागी, सम दृष्टि धारी।
माया मोह विनाशक, ज्ञान ज्योति जारी ॥ ॐ जय.....॥
 
जग में पाठ अहिंसा, आपहि विस्तार्यो।
हिंसा पाप मिटाकर, सुधर्म परिचार्यो ॥ ॐ जय.....॥
 
इह विधि चांदनपुर में अतिशय दरशायौ।
ग्वाल मनोरथ पूर्‌यो दूध गाय पायौ ॥ ॐ जय.....॥
 
प्राणदान मन्त्री को तुमने प्रभु दीना।
मन्दिर तीन शिखर का, निर्मित है कीना ॥ ॐ जय.....॥
 
जयपुर नृप भी तेरे, अतिशय के सेवी।
एक ग्राम तिन दीनों, सेवा हित यह भी ॥ ॐ जय.....॥
 
जो कोई तेरे दर पर, इच्छा कर आवै।
होय मनोरथ पूरण, संकट मिट जावै ॥ ॐ जय.....॥
 
निशि दिन प्रभु मंदिर में, जगमग ज्योति जरै।
हरि प्रसाद चरणों में, आनंद मोद भरै ॥ ॐ जय.....॥

आरती 2 : रंग लाग्यो महावीर
 
आरती 1. रंग लाग्यो महावीर, थारो रंग लाग्यो
 
1. थारी भक्ति करवाने म्हारो भाव जाग्यो ॥
रंग लाग्यो…॥
 
2. थारा दर्शन करवाने म्हारो भाव जाग्यो ॥
रंग लाग्यो…॥
 
3. थारा कलशा करवाने म्हारो भाव जाग्यो ॥
रंग लाग्यो…॥
 
4. थारा पूजन करवाने म्हारो भाव जाग्यो ॥
रंग लाग्यो…॥
 
5. थारी भक्ति करवाने म्हारो भाव जाग्यो ॥
रंग लाग्यो…॥
 
6. थारी वंदना करवाने म्हारो भाव जाग्यो ॥
रंग लाग्यो…॥
 
7. थारे पैदल आवाने म्हारो भाव जाग्यो ॥
रंग लाग्यो…॥
 
रंग लाग्यो महावीर, थारो रंग लाग्यो।। 
रंग लाग्यो महावीर, थारो रंग लाग्यो।। 
 

आरती 3 : भगवन मेरी नैया
 
भगवन मेरी नैया, उस पार लगा देना 
अब तक तो निभाया है, आगे भी निभा देना 
हम दीनदुखी निर्धन, नित नाम जपे प्रतिपल 
यह सोच दरश दोगे, प्रभु आज नहीं तो कल 
जो बाग लगाया है फूलों से सजा देना 
अब तक तो निभाया है, आगे भी निभा देना। 
 
तुम शांति सुधाकर हो, तुम ज्ञान दिवाकर हो 
मुम हंस चुगे मोती, तुम मानसरोवर हो 
दो बूंद सुधा रस की, हम को भी पिला देना 
अब तक तो निभाया है, आगे भी निभा देना। 
 
रोकोगे भला कब तक, दर्शन दो मुझे तुम से 
चरणों से लिपट जाऊं प्रभु शोक लता जैसे 
अब द्वार खड़ा तेरे, मुझे राह दिखा देना 
अब तक तो निभाया है, आगे भी निभा देना। 
 
मंझधार पड़ी नैया डगमग डोले भव में 
आओ त्रिशाला नंदन हम ध्यान धरे मन में 
अब बस करें विनती, मुझे अपना बना लेना
भगवन मेरी नैया, उस पार लगा देना
ये भी पढ़ें
Mahavir Jayanti 2021 : आज अवश्‍य पढ़ें मंगलमयी श्री महावीर चालीसा- जय महावीर दया के सागर