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Written By Author विकास सिंह
Last Updated : मंगलवार, 31 अगस्त 2021 (15:36 IST)

एक्सप्लेनर: शांति के टापू कहे जाने वाले मध्यप्रदेश में तालिबानी सोच क्यों?

तालिबानी सोच के साथ सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के पीछे की मानसिकता की पूरी पड़ताल

एक्सप्लेनर: शांति के टापू कहे जाने वाले मध्यप्रदेश में तालिबानी सोच क्यों? - Special report on incidents of Taliban thinking in Madhya Pradesh
भोपाल। शांति का टापू कहा जाने वाला मध्यप्रदेश तालिबानी मानसिकता के साथ भीड़ के सजा देने वाले लगातार मामलों को लेकर देश भर में सुर्खियों के केंद्र में बना हुआ है। नीमच में आदिवासी को ट्रक से सड़क पर घसीट कर मौत के घाट उतारने की घटना ने कानून व्यवस्था को लेकर गंभीर सवाल उठा दिए है। प्रदेश में सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने की कोशिश को लेकर एक के बाद एक लगातार मामले सामने ही आते जा रहे है।
 
बीते दस दिनों में मध्यप्रदेश में लिंचिग से जुड़े एक के बाद एक मामलों ने हर किसी को स्तब्ध कर दिया है। इंदौर में चूड़ी बेचने वाले मुस्लिम युवक की भीड़ के द्धारा बेरहमी से पिटाई करने की घटना के बाद उज्जैन के महिदपुर में असामाजिक तत्वों ने कबाड़ का काम करने वाले अब्दुल रशीद की पिटाई करने के साथ डरा-धमकाकर धार्मिक नारे भी लगवाए। वहीं रीवा में चोरी के शक में अरसद कमाल नाम के युवक भीड़ ने बेहरमी से पिटाई कर अधमरा कर दिया। ऐसी ही घटनाएं ग्वालियर और धार में भी सामने आई है जहां धर्म विशेष से जुड़े लोगों को टारगेट किया गया है। 

मध्यप्रदेश में अचानक से हो रही ऐसी घटनाओं ने लोगों को सकते में डाल दिया है। भीड़ के कानून व्यवस्था को हाथ में लेते हुए तालिबानी सजा देने की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही है। हैरत की बात यह है कि मुख्यमंत्री और गृहमंत्री ऐसे लोगों को कानून के अनुसार कठोर कार्रवाई की चेतावनी दे रहे है लेकिन लोगं में न तो कानून का डर दिख रहा है न ही प्रशासन का खौफ।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ऐसी घटनाओं पर नाराजगी जताते हुए कहा कि सरकार के खिलाफ साजिश रची जा रही है। उन्होंने कहा सरकार के खिलाफ अभियान चला हुआ है. ऐसे तत्व मौजूद हैं जो समाज को तोड़ना चाहते हैं, हमारी सरकार को तोड़ने की कोशिश की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसी घटनाओं में शामिल होने वाले लोगों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा, अपराधियों को कुचल कर रख दिया जाएगा। 

वहीं प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा लिचिंग की घटनाओं पर नाराजगी जताते हुए कहते हैं कि हमारे हाथ कानून से बंधे हैं नहीं तो ऐसे लोगों की इस दुनिया में जगह नहीं है। वह कहते हैं कि पुलिस ने सभी घटनाओं में शामिल आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार किया है। गृहमंत्री ने कहा कि प्रदेश में तालिबानी सोच की मानसिकता वालों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।  

मध्यप्रदेश में सौहार्द बिगाड़ने वाली ऐसी घटनाओ को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहते है कि कि “मध्यप्रदेश के इंदौर,देवास और अब उज्जैन के महिदपुर की घटना…? ये कौन लोग है, जो निरंतर ऐसी घटनाओं को अंजाम दे रहे है, हमारी गंगा-जमुनी की ,भाईचारे की संस्कृति को कुछ लोग बिगाड़ने का काम कर रहे है? ऐसा लग रहा है कि किसी ख़ास एजेंडे के तहत यह सब किया जा रहा है ?

मध्यप्रदेश में आखिर लिंचिग के मामले क्यों बढ़ते जा रहे है इस पर मनोचिकित्सक डॉक्टर सत्यकांत त्रिवेदी कहते हैं कि सोशल मीडिया पर इन घटनाओं की तस्वीरों और वीडियो को जिस तरह से वायरल किया जाता है उससे एक तरह से इनका महिमामंडन होता है और वह दूसरे लोगों के लिए मॉडल का काम करता है। वहीं सोशल मीडिया पर घटनाओं को प्रचारित करना भी उनको प्रेरित करने का काम करता है।

इन घटनाओं को सोशल मीडिया या मीडिया जिस तरह प्रचारित और प्रसारित किया जाता है उसका बहुत ही नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। दुर्भाग्य से ऐसी घटनाएं जितना दिखाई या प्रचारित की जाएगी उससे जाने अंजाने लोग प्रेरित होते है। 

डॉ. सत्यकांत कहते हैं कि मॉब लिचिंग के मामले कहीं न कहीं हमारी अस्वस्थ मानसिकता को भी प्रदर्शित करते है कि हम अदंर से अक्रोशित और क्रोधित है। इस कारण से सामूहिक रूप से जब हमको सॉफ्ट टारगेट मिलता है तब हम अपने मन की सारी कुंठा निकालने की कोशिश करते है। 

सत्यकांत कहते हैं कि जिस तरह से एक के बाद एक घटनाएं रिपीट होती जा रही है उसके बाद जरूरी हो गया है कि समाज में समरसता लाने के लिए मानसिक स्वास्थ्य पर विशेष रूप से ध्यान देने की जरूरत है इसके लिए सरकार के साथ-साथ धर्मगुरुओं, समाजशास्त्रियों और मनोचिकित्सक को आगे आना होगा। 
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