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Last Modified: बुधवार, 22 जनवरी 2020 (22:59 IST)

खेल के मैदान हमारे चरित्र और व्यक्तित्व का निर्माण करते हैं : कमिश्नर डॉ. भार्गव

Dr. Ashok Kumar Bhargava | खेल के मैदान हमारे चरित्र और व्यक्तित्व का निर्माण करते हैं : कमिश्नर डॉ. भार्गव
रीवा। मध्यप्रदेश शासन के उच्च शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार शासकीय कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय, रीवा के सौजन्य से राज्यस्तरीय महिला क्रिकेट प्रतियोगिता विश्वविद्यालय के स्टेडियम में आयोजित की गई। प्रतियोगिता का शुभारंभ मुख्य अतिथि के रूप में कमिश्नर रीवा संभाग डॉ. अशोक कुमार भार्गव ने किया।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि खेल के मैदान चरित्र निर्माण की प्रयोगशालाएं होती हैं। खेल के मैदान पूजा स्थल से कम नहीं होते और यहां सीखा गया अनुशासन हमारे चरित्र और व्यक्तित्व का निर्माण करता है। खेल के मैदान में आत्मविश्वास के साथ उतरें।
डॉ. भार्गव ने सभी खिलाड़ियों के सुखद-समृद्ध भविष्य की कामना करते हुए कहा कि बेटियां वास्तव में हमारे समाज की संस्कृति और सभ्यता का आईना हैं। महिला खिलाड़ियों ने पूरे विश्व में विपरीत और विषम परिस्थितियों में भी देश का गौरव बढ़ाया है। खिलाड़ियों को खेलों के साथ-साथ शासन द्वारा चलाए जाने वाले विभिन्न अभियानों में भी अपना सक्रिय योगदान करना चाहिए।
 
उन्होंने कहा कि खिलाड़ी लोगों को व्यक्तिगत स्वच्छता के साथ-साथ सामूहिक स्वच्छता के लिए भी प्रेरित करें। स्वच्छता से ही स्वस्थ समाज की परिकल्पना साकार होती है। स्वच्छता को अपने संस्कारों में शामिल करें। डॉ. भार्गव ने क्रिकेट प्रतियोगिता के शुभारंभ अवसर पर ध्वजारोहण किया तथा खिलाड़ियों से परिचय प्राप्त किया।
 
अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा विभाग डॉ. पंकज श्रीवास्तव ने कहा कि क्रिकेट के क्षेत्र में महिला खिलाड़ी पुरुष खिलाड़ियों से कम नहीं हैं। वे राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपना नाम रोशन कर रही हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं को भी पुरुषों के समान सुविधाएं मिलेंगी तो वे बेहतर प्रदर्शन करेंगी।
 
शासकीय कन्या महाविद्यालय की जनभागीदारी समिति की अध्यक्ष कविता पांडेय ने कहा कि खेल सिर्फ खेल भावना से ही खेलना चाहिए। क्रिकेट एक टीम वर्क है। खेलों में हारने से निराश नहीं होना चाहिए। महाविद्यालय को इस प्रतियोगिता के आयोजन का दायित्व मिलने से रीवा जिला गौरवान्वित है।
 
प्राचार्य नीता सिंह ने कहा कि खेलों के प्रति समाज का रुझान बढ़ रहा है। विद्यार्थी करियर के रूप में इसे अपनाने लगे हैं। उन्होंने कहा कि कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती। महाविद्यालय की प्राध्यापक डॉ. शालिनी कुंदेर ने स्वागत भाषण दिया।
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