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Last Modified: रविवार, 7 अप्रैल 2019 (21:38 IST)

अश्विनी शर्मा के ठिकाने पर छापे के दौरान CRPF और MP पुलिस आमने-सामने

अश्विनी शर्मा के ठिकाने पर छापे के दौरान CRPF और MP पुलिस आमने-सामने - Ashwin Sharma Madhya Pradesh CRPF MP Police
भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के पूर्व ओएसडी प्रवीण कक्कड़ के एक सहयोगी अश्विनी शर्मा के ठिकानों पर आयकर विभाग के छापे की कार्रवाई के दौरान अंदर जाने की बात को लेकर रविवार शाम को सीआरपीएफ और मध्यप्रदेश पुलिस के अधिकारियों के बीच तीखी तकरार हो गई।
 
कमलनाथ के पूर्व ओएसडी कक्कड़ और उनके सहयोगियों के ठिकानों पर रविवार सुबह से सीआरपीएफ की सुरक्षा में आयकर विभाग द्वारा छापे की कार्रवाई को अंजाम दिया जा रहा है। इसके तहत सुबह से भोपाल शहर के न्यू मार्केट इलाके में प्लेटिनम प्लाजा स्थित बहुमंजिला भवन में शर्मा के ठिकाने पर भी छापे की कार्रवाई जारी है। आयकर विभाग द्वारा मध्यप्रदेश पुलिस को अलग रख सेंट्रल रिजर्व पुलिस बल (CRPF) की सुरक्षा में यह कार्रवाई की जा रही है।
 
छापे के दौरान शाम को मध्यप्रदेश पुलिस के कुछ अधिकारियों ने कॉम्प्लेक्स के अंदर जाने की कोशिश की, लेकिन सुरक्षा में तैनात CRPF के जवानों ने उन्हें रोक दिया। इस बात को लेकर CRPF के अधिकारी और पुलिस के अधिकारियों के बीच तीखी तकरार हो गई। एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि छापे की कार्रवाई के दौरान शाम को बड़ी संख्या में मध्यप्रदेश पुलिस के जवान भी मौके पर पहुंच गए।
 
पुलिस के नगर पुलिस अधीक्षक भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि कॉम्प्लेक्स में रह रहे लोगों की शिकायत पर पुलिस यहां आई है। सीआरपीएफ के अधिकारी से कहासुनी होने बाद उन्होंने कहा कि हमें आयकर छापे से कोई लेना-देना नहीं है। पूरे कॉम्प्लेक्स को सील कर दिया है। लोग परेशान हो रहे हैं और बीमार लोग भी अंदर हैं, उन्हें बाहर निकलने नहीं दे रहे हैं। लोग स्थानीय पुलिस के एसएचओ को फोन कर रहे हैं और वहां से निकल नहीं पा रहे हैं। केवल अश्विनी शर्मा का घर सील करें जबकि पूरे कॉम्प्लेक्स को सील कर रखा है। 
 
दूसरी ओर सीआरपीएफ दल का नेतृत्व कर रहे अधिकारी प्रदीप कुमार ने आरोप लगाया कि पुलिस के अधिकारी हमारे काम में रुकावट डाल रहे हैं। उन्होने कहा कि यहां वे ही लोग हैं जिनके यहां छापा पड़ा है। मप्र पुलिस काम नहीं करने दे रही है। काम से रोक रहे हैं। हम केवल अपनी ड्यूटी कर रहे हैं। सीआरपीएफ देश के लोगों की रक्षा करती है।
 आयकर छापे की कार्रवाई चल रही है, इसलिए अधिकारियों के आदेश पर किसी को अंदर जाने नहीं दे रहे हैं। जैसे ही छापे की कार्रवाई समाप्त होगी खबर कर देंगे। हम केवल गेट के अंदर जाने की परमिशन नहीं दे रहे हैं और आदेश हैं कि किसी को अंदर नहीं आने दिया जाए। हालांकि इस तकरार के कुछ देर बाद CRPF के एक अन्य अधिकारी ने मीडिया से ज्यादा कुछ नहीं कहते हुए कहा कि स्थिति नियंत्रण में है।
 
मीडियाकर्मियों के कैमरों के सामने हुए अधिकारियों के इस तीखी तकरार के बाद प्रदेश पुलिस के जवान बड़ी संख्या में मौके पर पहुंच गए और करीब आधा घंटा वहां रहने के बाद वहां से रवाना हो गए। इसके बाद कॉम्पलेक्स के बाहर एक एम्बुलेंस भी दिखाई दी।
 
कक्कड़ के सहयोगी बताये जा रहे शर्मा ने इससे पहले छापे के दौरान कक्कड़ या कमलनाथ से संबंध होने के सवाल पर मीडिया से कहा कि वह भाजपा का आदमी है। उसने दावा किया है उसके यहां से जो भी रकम बरामद हो रही है वह उसकी है। सूत्रों के मुताबिक शर्मा एक एनजीओ चलाता है। आयकर विभाग के अधिकारियों ने बताया छापामार मुहिम को आयकर विभाग की दिल्ली इकाई की अगुवाई में बेहद गोपनीय तरीके से अंजाम दिया गया।
 
कक्कड़ के घर के अलावा कम से कम पांच अन्य ठिकानों पर भी आयकर विभाग ने छापे मारे। इनमें मुख्यमंत्री के पूर्व ओएसडी का दफ्तर और अश्विनी शर्मा सहित उनके करीबी लोगों के परिसर शामिल हैं। 
 
लोकसभा चुनावों की बढ़ती सरगर्मियों के बीच मारे गये आयकर छापों में संदिग्ध निवेश के दस्तावेजों के साथ बड़ी मात्रा में नकदी बरामद होने की भी खबरें हैं। हालांकि, आयकर विभाग के स्थानीय अधिकारी यह कहते हुए इस बारे में कुछ भी बताने में फिलहाल असमर्थता जता रहे हैं कि छापों की मुहिम की अगुवाई आयकर विभाग की दिल्ली इकाई कर रही है और यही इकाई बरामदगी के बारे में अधिकृत जानकारी दे सकेगी।  सरकारी और प्रशासनिक गलियारों में पैठ रखने वाले कक्कड़ का परिवार अतिथि सत्कार समेत विभिन्न क्षेत्रों के कारोबार से जुड़ा है।
 
कक्कड़, राज्य पुलिस सेवा के पूर्व अधिकारी हैं। उन्हें गत दिसंबर में सूबे में कांग्रेस सरकार के गठन के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ का ओएसडी नियुक्त किया गया था। हालांकि, लोकसभा चुनावों की घोषणा होने से पहले ही कक्कड़ ने अपने इस पद से इस्तीफा दे दिया था। वरिष्ठ कांग्रेस नेता और रतलाम के निवर्तमान सांसद कांतिलाल भूरिया जब केंद्र की पूर्ववर्ती यूपीए सरकार में मंत्री थे, तब कक्कड़ उनके भी ओएसडी रहे थे।