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Last Updated : गुरुवार, 23 मई 2019 (00:22 IST)

लोकसभा चुनाव 2019 : एग्जिट पोल्स के अनुमानों के बाद सभी की निगाहें पश्चिम बंगाल पर

लोकसभा चुनाव 2019 : एग्जिट पोल्स के अनुमानों के बाद सभी की निगाहें पश्चिम बंगाल पर - Lok Sabha Elections 2019 West Bengal
कोलकाता। पश्चिम बंगाल की 42 लोकसभा सीटों का परिणाम आज जाएगा और राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तरफ से एग्जिट पोल्स को खारिज किए जाने के बाद सबकी निगाहें चुनाव परिणामों पर हैं, जहां 466 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला हो जाएगा।
 
पिछली बार 2014 में राज्य में मात्र 2 लोकसभा सीटों पर विजय होने वाली भाजपा को इन एग्जिट पोल में जोरदार बढ़त दिखाई गई है। तृणमूल कांगेस के सूत्रों ने चुनाव नतीजों से पहले एग्जिट पोल को लेकर चिंता जताई है।
 
अधिकतर एग्जिट पोल्स में भाजपा को जोरदार बढ़त दिखाई गई है लेकिन ममता बनर्जी ने इन नतीजों को फर्जी बताकर कहा है कि पार्टी सभी सीटों पर जीत हासिल करेगी।
 
पार्टी से जुड़े एक अन्य सूत्र ने कहा कि स्थिति वाकई गंभीर है, लेकिन पार्टी की आंतरिक रिपोर्ट में पार्टी का प्रदर्शन ठीक ही बताया गया है और यह उतना बुरा नहीं है जितना उन एक्जिट पोल्स में बताया गया है।
 
एबीपी के एक्जिट पोल्स में भाजपा को 16, तृणमूल को 24, कांग्रेस और अन्य को 2 तथा वाम दलों को एक भी सीट नहीं मिलने की बात कही गई है।
 
इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया के एक्जिट पोल्स में तृणमूल के लिए 19 से 22 सीटें और भाजपा के लिए 19 से 23 सीटें मिलने की बात कही गई है।
 
बंगाल को इस नजरिए से भी काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि यहां की कम से कम 22 सीटें जीतने के लिए भाजपा ने अपनी तरफ से कोई कमी नहीं छोड़ी और तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी ने भी राज्य की सभी लोकसभा सीटें जीतने में कोई कसर नहीं छोड़ी। 
 
इन चुनावों में उनके लिए न केवल अपना गढ़ बचाना बल्कि गठबंधन दलों में भी एक अहम निर्णायक की भूमिका अदा करना है।
 
ममता बनर्जी ने इन एक्जिट पोल्स पर प्रतिक्रिया करते हुए कहा था कि मैं इन एक्जिट पोल बयानबाजी में विश्वास नहीं करती हूं और इसकी आड़ में हजारों ईवीएम को बदले जाने की योजना है। मैं सभी विपक्षी पार्टियों से एकजुट और मजबूत होने की अपील करती हूं और हम सब मिलकर इस लड़ाई को लड़ेंगे। 
 
इस बीच रविवार को समाप्त हुए लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण के बाद सभी दलों के प्रत्याशियों को काफी तनावमुक्त देखा जा रहा है, क्योंकि पिछले ढाई महीनों से उम्मीदवार और उनके परिजन चुनाव प्रचार में काफी व्यस्त थे।