शुक्रवार, 19 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. सामयिक
  2. डॉयचे वेले
  3. डॉयचे वेले समाचार
  4. Syrian refugee crisis
Written By
Last Modified: शुक्रवार, 19 अगस्त 2016 (14:00 IST)

सीरिया संकट की एबीसी

सीरिया संकट की एबीसी - Syrian refugee crisis
दुनिया भर में शरणार्थियों के मुद्दे ने उथल पुथल मचा रखी है। लेकिन अगर आप भी यह सोच कर हैरान हैं कि रातों रात ये लाखों शरणार्थी आए कहां से, तो पढ़िए...
 
कैसे हुई शुरुआत?
रातों रात कुछ भी नहीं हुआ। सीरिया में पिछले पांच साल से गृहयुद्ध चल रहा है। मार्च 2011 में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन शुरू हुए। चार महीनों के अंदर शांतिपूर्ण प्रदर्शन हिंसक रूप ले चुके थे। यह वही समय था जब कई देशों में अरब क्रांति शुरू हुई।
क्या हैं आंकड़े?
उस समय सीरिया की आबादी 2.3 करोड़ थी। इस बीच करीब 40 लाख लोग देश छोड़ चुके हैं, 80 लाख देश में ही विस्थापित हुए हैं और दो लाख से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। ये आधिकारिक आंकड़े हैं। असल संख्या इससे काफी ज्यादा हो सकती है।
 
कहां है सीरिया?
पश्चिमी एशिया के देश सीरिया के एक तरफ इराक है, दूसरी तरफ तुर्की। इसके अलावा लेबनान, जॉर्डन और इसलाइल भी पड़ोसी हैं। सीरिया की तरह इराक में भी संकट है। दोनों ही देशों में कट्टरपंथी संगठन इस्लामिक स्टेट ने तबाही मचाई है।
 
पड़ोसियों ने क्या किया?
इस वक्त तुर्की में सीरिया से आए 18 लाख शरणार्थी हैं, लेबनान में 12 लाख, जॉर्डन में करीब 7 लाख और इराक में ढाई लाख। लेबनान, जिसकी आबादी 45 लाख है, वहां चार में से हर एक व्यक्ति सीरिया का है। इराक पहुंचने वालों के लिए आगे कुआं पीछे खाई की स्थिति है।
इसराइल का क्या?
सीरिया के साथ इसराइल की भी सरहद लगी है पर दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंध ना होने के कारण इस्राएल ने एक भी शरणार्थी नहीं लिया है और कहा है कि भविष्य में भी नहीं लेगा।
 
यूरोप ही क्यों?
संयुक्त राष्ट्र के जेनेवा कन्वेंशन में 'शरणार्थी' को परिभाषित किया गया है। यूरोपीय संघ के सभी 28 देश इस संधि के तहत शरणार्थियों की मदद करने के लिए बाध्य हैं। यही कारण है कि लोग यूरोप में शरण की आस ले कर आ रहे हैं।
 
क्या है रास्ता?
सीरिया से यूरोप का रास्ता छोटा नहीं है। अधिकतर लोग पहले तुर्की, वहां से बुल्गारिया, फिर सर्बिया, हंगरी और फिर ऑस्ट्रिया से होते हुए जर्मनी पहुंचते हैं। इसके आगे डेनमार्क और फिर स्वीडन भी जाते हैं। कई लोग समुद्र का रास्ता ले कर तुर्की से ग्रीस और फिर इटली के जरिए यूरोप की मुख्य भूमि में प्रवेश करते हैं।
अब आगे क्या?
यूरोपीय आयोग के प्रमुख जाँ क्लोद युंकर का कहना है कि यूरोप को हर हाल में 1,60,000 शरणार्थियों के लिए जगह बनानी होगी। उन्होंने एक सूची जारी की है जिसके अनुसार शरणार्थियों को यूरोप के सभी देशों में बांटा जा सकेगा। हालांकि बहुत से देश इसके खिलाफ हैं।
ये भी पढ़ें
आज पीवी सिंधु की लड़ाई अपने आप से है...