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Written By DW
Last Modified: बुधवार, 25 नवंबर 2020 (14:59 IST)

पाकिस्तान उठाएगा बलात्कारियों के खिलाफ सख्त कदम

पाकिस्तान उठाएगा बलात्कारियों के खिलाफ सख्त कदम - Pakistan to take strict action against rapist
पाकिस्तान में बलात्कारियों को केमिकल कास्ट्रेशन यानी दवाओं से अंडकोष को निष्क्रिय करने की सजा मिलेगी। इसके लिए प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार एक अध्यादेश लाने की तैयारी कर रही है।
 
पाकिस्तानी मीडिया में आई खबरों में दावा किया जा रहा है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल की एक बैठक में विधि मंत्रालय ने नए अध्यादेश का मसौदा पेश किया जिसे प्रधानमंत्री ने सैद्धांतिक रूप से मंजूरी दे दी। इस बारे में आधिकारिक घोषणा अभी तक नहीं की गई है।
 
विधि और न्याय मंत्री फरोग नसीम ने मंगलवार को अध्यादेश लाने की सरकार की कोशिशों की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि चूंकि संसद का सत्र अभी चल नहीं रहा है इसलिए सरकार यह अध्यादेश जल्द ही जारी करेगी। उनके अनुसार इसमें बलात्कारियों के लिए केमिकल कास्ट्रेशन के अलावा आजीवन कारावास और मृत्युदंड का भी प्रावधान है।
 
खुद इमरान खान पहले ही इस तरह की कड़ी सजा लाए जाने की वकालत कर चुके हैं। सितंबर में उन्होंने एक साक्षात्कार में कहा था कि बढ़ते हुए यौन अपराधों को कम करने के लिए बलात्कारियों को या तो सार्वजनिक रूप से फांसी दे दी जानी चाहिए या उनका केमिकल कास्ट्रेशन कर देना चाहिए।
 
पाकिस्तान में बलात्कार के बढ़ते मामले देश में एक बड़ी समस्या बन गए हैं और पिछले कुछ महीनों में कुछ सनसनीखेज मामलों के सामने आने के बाद जनता में बलात्कार को ले कर काफी आक्रोश पैदा हो गया है। यह आक्रोश कहीं सरकार के लिए मुसीबत ना बन जाए इसलिए इमरान खान ने जनता के बीच एक कड़ा रुख अपना लिया है और सख्त सजा की वकालत कर रहे हैं।
 
लेकिन केमिकल कास्ट्रेशन एक अत्यंत विवादास्पद कदम है जिसे लेकर पूरी दुनिया में लेकर अलग अलग राय है। संयुक्त राष्ट्र कई बार कह चुका है कि कास्ट्रेशन या मृत्युदंड जैसी सजा की वजह से बलात्कार होने कम हो गए हों इसका कोई भी प्रमाण आज तक नहीं मिला है।
 
लेकिन यूरोप के कई देशों के अलावा यह अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, रूस जैसे कई देशों में प्रचलन में है। भारत में भी इस पर पिछले कुछ सालों से चर्चा हो रही है लेकिन अभी तक इसे कानूनन वैध घोषित नहीं किया गया है। 2012 में दिल्ली में हुए सामूहिक बलात्कार के मामले के बाद और सख्त कानून लाने के लिए बनाई गई समिति के अध्यक्ष जेएस वर्मा ने कहा था कि यह असंवैधानिक और अमानवीय होगा।
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