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Last Modified: शुक्रवार, 28 जुलाई 2017 (12:35 IST)

नीतीश कुमार ने कब कब मारी सियासी पलटियां

नीतीश कुमार ने कब कब मारी सियासी पलटियां - Nitish Kumar
उपमुख्यमंत्री पर भ्रष्टाचार के आरोपों पर नीतीश कुमार ने अचानक मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया, लेकिन भाजपा के समर्थन से वो फिर एक बार मुख्यमंत्री बन गये हैं। आइये नजर डालते हैं कि सियासी करियर में वो कब किसके साथ रहे।
 
एक साथ शुरुआत
1970 के दशक में लालू और नीतीश पहली बार साथ आए। ये दौर था जब दोनों नेता जयप्रकाश नारायण के सोशलिस्ट आंदोलन का हिस्सा थे।
 
लालू के सलाहकार
1990 में बिहार विधानसभा चुनाव में जनता दल को बहुमत मिला। लालू पहली बार बिहार के मुख्यमंत्री बने और नीतीश कुमार बने मुख्यमंत्री के सलाहकार।
 
समता पार्टी का गठन
साल 1994 में नीतीश कुमार ने समता पार्टी बनाने के लिए लालू यादव का साथ छोड़ दिया। उन्होंने जॉर्ज फर्नान्डिस के साथ मिलकर समता पार्टी बनाई।
 
कम्युनिस्ट पार्टी के साथ गठबंधन
1995 के विधानसभा चुनावों में नीतीश ने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के साथ गठबंधन कर पहली बार अलग चुनाव लड़ा था।
 
बीजेपी से जुड़ा नाता
साल भर बाद ही नीतीश ने यू-टर्न लिया और भारतीय जनता पार्टी के खेमे में शरीक हो गए। दोनों का गठबंधन हुआ। और अगले 17 सालों तक चला।
 
जनता दल यूनाटेड
समता पार्टी अपने सफर के दौरान साल 2003 में जनता दल यूनाटेड (जेडीयू) बन गई। लेकिन बीजेपी से गठबंधन जारी रहा। दोनों पार्टी ने 2005 से 2013 तक बिहार में गठबंधन सरकार चलाई।
 
नरेंद्र मोदी का विरोध
2014 में जब बीजेपी ने मोदी को पीएम का कैंडिडेट घोषित किया तो सांप्रदायिकता का सवाल उठाते हुए नीतीश ने बीजेपी से 17 साल पुराना नाता तोड़ लिया।
 
मांझी बने मुख्यमंत्री
मई 2014 के लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के ठीक एक दिन बाद नीतीश कुमार ने नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। तब नीतीश ने मुख्यमंत्री पद के लिए जीतनराम मांझी को चुना।
 
मांझी को किया बाहर
नीतीश सत्ता अपने हाथ में रखना चाहते थे और इसी को लेकर जीतनराम मांझी को लेकर मनमुटाव हो गए। नीतीश और मांझी का ये विवाद बढ़ गया और इसका अंत मांझी को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाने के साथ हुआ।
 
नीतीश खुद बने मुख्यमंत्री
फरवरी 2015 के आखिरी हफ्ते में नीतीश कुमार एक बार फिर से बिहार के मुख्यमंत्री बने। बीजेपी को हराने के लिए उन्होंने लालू यादव और कांग्रेस से हाथ मिलाकर महागठबंधन बनाया।
 
बीजेपी से नजदीकियां
लेकिन इसी बीच उन्होंने बीजेपी को अपने घर भोज का न्यौता भेज कर सबको हैरानी में डाल दिया। इसके बाद नोटबंदी, फर्जी डिग्री, उरी अटैक, जीएसटी और राष्ट्रपति चुनाव के मुद्दों पर नीतीश मोदी से सुर मिलाते नजर आए
 
एक बार फिर यू टर्न
अब नीतीश कुमार ने आरजेडी नेता तेजस्वी यादव पर भ्रष्टाचार के आरोप के मुद्दे को लेकर इस्तीफा दे दिया। इसके तुरंत बाद बीजेपी से समर्थन लेकर नीतीश कुमार छठी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने। महज 18 घंटे के अंदर नये गठबंधन में मुख्यमंत्री बनने का ये शायद पहला मामला है।
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