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Written By DW
Last Updated : शुक्रवार, 23 अक्टूबर 2020 (10:18 IST)

कोरोना के बावजूद उत्सवों की तैयारी में जुटे कारोबारी

Festivals | कोरोना के बावजूद उत्सवों की तैयारी में जुटे कारोबारी
भारतीय कारोबारी पिछले 5 साल में इस बार सबसे अधिक माल त्योहारों के पहले स्टॉक कर रहे हैं। उनको उम्मीद है कि जिन लोगों की कमाई लॉकडाउन के दौरान प्रभावित नहीं हुई वे त्योहारों के इस मौसम में अधिक खर्च करेंगे।
 
देश में सबसे ज्यादा खरीदारी दुर्गा पूजा और दिवाली के त्योहार के समय होती है। पहले दुर्गा पूजा और उसके 20 दिन के बाद दिवाली मनाई जाती है। इस समय में घरों को सजाया जाता है और सामान खरीदे जाते हैं, जैसे टीवी, फ्रिज, कार और बाइक या फिर घर में इस्तेमाल होने वाले बर्तन, मिक्सर आदि। त्योहार के मौके पर लोग अपने करीबी संबंधियों को उपहार भी देते हैं।
 
इस बार व्यवसायी और दुकानदार सामान्य से अधिक खरीदारी की उम्मीद कर रहे हैं। कई महीनों की तालाबंदी के बाद मांग में बढ़ोतरी हुई है। हालिया आंकड़े बताते हैं कि डीजल, ऊर्जा और कारों की मांग ने तेजी पकड़ी है। मोबाइल फोन से लेकर फर्नीचर तक में खुदरा खरीद में तेजी भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए लाभदायक होगी क्योंकि जून में समाप्त पहली तिमाही में भारत की जीडीपी 23.90 फीसदी सिकुड़ गई थी।
 
ब्रोकरेज फर्म नोमुरा का कहना है कि लॉकडाउन के बाद भारत का बिजनेस इंडेक्स 18 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था। देश में कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के लिए मार्च महीने में लॉकडाउन लागू किया गया था। बड़े रिटेलर जैसे कि क्रोमा और विजय सेल्स ने रॉयटर्स को बताया कि हाल के दिनों की बिक्री इस बात के संकेत दे रहे हैं कि यह साल पिछले साल के मुकाबले बेहतर साबित होगा। दोनों ही रिटेलर इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बेचते हैं।
 
अखिल भारतीय व्यापारी संघ का कहना है कि उनके 7 करोड़ छोटे व्यापारी सदस्य इस साल 14 फीसदी बफर स्टॉक करने की योजना बना रहे हैं ताकि मांग बढ़ने पर स्टॉक खत्म नहीं हो जाए। पिछले साल व्यापारियों ने 10 फीसदी ही बफर स्टॉक किया था। व्यापारी संघ के सचिव प्रवीण खंडेलवाल कहते हैं कि आर्थिक दबाव के बावजूद हम अधिक माल स्टॉक कर रहे हैं इस सोच के साथ कि त्योहारों में अधिक लोग खरीदारी करने आएंगे। खंडेलवाल कहते हैं कि हमारी उम्मीद है कि पिछले 5 साल में यह सबसे अच्छी दिवाली होगी। स्वाभाविक रूप से हमारे स्टॉक का स्तर उसी हिसाब से होगा।
 
सतर्क के साथ आशावादी
 
लेकिन हर कोई उत्साह से भरा नहीं है। राजस्थान के जयपुर शहर में दुकानें और शोरूम आमतौर पर स्थानीय और विदेशी पर्यटकों से भरी रहती थी लेकिन इस सप्ताह बहुत ही कम कारोबार हुआ। यहां के कारोबारियों का कहना है कि शहर की मुख्य आय का स्रोत पर्यटन है और अब भी लोग कम आ रहे हैं। कपड़ा व्यापारी सुरेश ताक कहते हैं कि जब तक टीका नहीं आ जाता हम कोरोना पूर्व स्तरों के 30-35 फीसदी पर ही संचालन करते रहेंगे। ताक की एक फैक्टरी भी है, जहां कपड़ों पर प्रिटिंग का काम होता है।
 
यहां से सैकड़ों किलोमीटर की दूरी पर स्थित सतारा जिले के निलेश कदम कहते हैं कि वे अधिक से अधिक बचत कर रहे हैं। हाल में वे दोबारा नौकरी पर जाने लगे हैं। वे कहते हैं कि जून से लेकर अगस्त तक फैक्टरी ने मुझे ज्यादा काम नहीं होने की वजह से छुट्टी पर भेज दिया था। स्टील फैक्टरी में काम करने वाले 35 साल के कदम कहते हैं कि इस साल मैं ज्यादा बड़ी खरीदारी नहीं करूंगा।
 
भारतीय व्यापारी संघ का अनुमान है कि भारतीयों ने अप्रैल से अब तक 1,500 अरब रुपये जमा किए हैं, जिसका एक बड़ा हिस्सा त्योहारों में खर्च हो सकता है। ऑनलाइन रिटेलर्स अमेजन और फ्लिपकार्ट ने भी त्योहारों का देखते हुए सेल के जरिए भारी ऑफर्स ग्राहकों के लिए पेश किए। ऑनलाइन खरीद के शौकीन इस बार फोन, लैपटॉप, कैमरे और कपड़े खरीद रहे हैं। (फ़ाइल चित्र)
 
एए/सीके (रॉयटर्स)
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