बुधवार, 24 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. सामयिक
  2. डॉयचे वेले
  3. डॉयचे वेले समाचार
  4. चांसलर मर्केल ने 2020 को बताया सबसे मुश्किल साल
Written By DW
Last Updated : गुरुवार, 31 दिसंबर 2020 (20:23 IST)

चांसलर मर्केल ने 2020 को बताया सबसे मुश्किल साल

Angela Merkel | चांसलर मर्केल ने 2020 को बताया सबसे मुश्किल साल
रिपोर्ट इलियट डगलस
 
एंजेला मर्केल ने बतौर जर्मन चांसलर अपने आखिरी नववर्ष संदेश में 2020 को सबसे मुश्किल साल बताया लेकिन उन्होंने आने वाले 2021 को लेकर उम्मीदें भी जताईं। नए साल के मौके पर दिए जाने वाले राष्ट्र के नाम अपने पारंपरिक संबोधन में चांसलर मर्केल ने अपने कार्यकाल के अंतिम साल की चुनौतियों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि जब मैं यह कहती हूं तो कोई अतिशयोक्ति नहीं है कि बीते 15 साल में कोई साल इतना मुश्किल नहीं रहा जितना यह साल है, जो खत्म हो रहा है।
 
पूरी दुनिया को लील रही कोरोना महामारी ने अब तक जर्मनी में 17 लाख लोगों को संक्रमित किया है जबकि 32 हजार से ज्यादा लोगों की जान ली है। ये आंकड़े लगातार बढ़ रहे हैं। बुधवार को जर्मनी में पहली बार 1 दिन में कोरोना से होने वाली मौतों का आंकड़ा 1,000 के पार जा पहुंचा।
 
चांसलर मर्केल ने माना कि कोरोनावायरस महामारी इस सदी की राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक चुनौती थी और है। यह एक ऐतिहासिक संकट है जिसने हम में से बहुत सारे लोगों को मुश्किल में डाला है। मैं जानती हूं कि इससे निपटने के लिए आपके बहुत सारे भरोसे और धैर्य की जरूरत है और आप भी चाहेंगे कि ऐतिहासिक मजबूती दिखाई जाए। इसके लिए मैं आपको दिल की गहराइयों से धन्यवाद देती हूं।
 
झूठ से बचिए
 
मर्केल ने अपने संबोधन में कोरोना महामारी से निपट रहे स्वास्थ्यकर्मियों की सराहना की, साथ ही उन्होंने अन्य क्षेत्रों के दूसरे कर्मचारियों के योगदान को भी याद रखा। उन्होंने कहा कि महामारी के दौरान हमारी जिंदगी चलती रहे, इसमें बेशुमार लोगों ने हमारी मदद की।। सुपर मार्केटों, माल परिवहन, पोस्ट ऑफिस, बसों और ट्रेनों, पुलिस स्टेशनों, स्कूलों और किंडरगार्टनों, चर्चों और मीडिया संस्थानों में काम कर रहे लोगों ने।
 
अपने संबोधन में चांसलर मर्केल ने महामारी को लेकर चलने वाली कॉन्सपिरेसी थ्योरीज पर लोगों से विश्वास न करने को कहा। जैसे कि कुछ लोग मानते हैं कि कोरोना जैसा कोई वायरस है ही नहीं तो कुछ कहते हैं कि इसके लिए बनाई जा रही वैक्सीन से लोगों को नियंत्रित किया जाएगा। जर्मनी में कुछ लोगों ने मास्क पहनने और दूसरी सामाजिक पाबंदियों के खिलाफ प्रदर्शन भी किए। मर्केल ने कहा कि कॉन्सपिरेसी थ्योरीज न सिर्फ झूठ और खतरनाक हैं बल्कि उन लोगों के प्रति क्रूरता भी है जिन्होंने अपनों को खोया है।
बतौर चांसलर आखिरी संबोधन
 
जर्मनी ने यूरोपीय संघ के बाकी देशों की तरह 27 दिसंबर से कोराना टीकाकरण अभियान की शुरुआत की और जनवरी में टीका लगाने का काम जारी रहेगा। मर्केल ने टीके को लेकर उम्मीद जताई। उन्होंने कहा कि जब उनकी बारी आएगी, वे भी टीका लगवाएंगी। उन्होंने वादा किया कि अमेरिका की तरह जर्मनी में बड़े राजनेताओं को उन लोगों की सूची में नहीं रखा जाए जिन्हें सबसे पहले टीका दिया जाएगा।
 
मर्केल ने 2020 में मिली पीड़ा और कष्ट के बावजूद आशा जताई कि 2021 नई उम्मीदें लेकर आएगा। यह आखिरी मौका है, जब बतौर जर्मन चांसलर मर्केल ने नववर्ष का संबोधन दिया। 2021 में वे अपना पद छोड़ रही हैं। उन्होंने कहा कि आखिर में आपसे कुछ निजी बात कहूंगी: 9 महीने के भीतर देश में संसदीय चुनाव होंगे और मैं फिर से चुनाव नहीं लडूंगी इसीलिए यह बतौर चांसलर आपके लिए मेरा आखिरी नववर्ष संबोधन है। मर्केल 2005 से जर्मनी की चांसलर हैं। अगले 9 महीनों में उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना होगा लेकिन वे 2021 को लेकर आशावान हैं।
ये भी पढ़ें
वायरस के नए संस्करण को हम कितना जानते हैं?