क्या सौरव गांगुली को अख्तर का खौफ था?
वेबदुनिया डेस्क
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड की बेरुखी झेल रहे पूर्व कप्तान शाहिद अफरीदी खुद को चर्चा में बनाए रखने के लिए शोएब अख्तर की किताब का समर्थन कर रहे हैं। शोएब ने अपनी किताब 'कंट्रोवर्शयली योर्स' में लिखा था कि सचिन तेंडुलकर और राहुल द्रविड़ मैच विजेता खिलाड़ी नहीं हैं और सचिन उनकी गेंदों से डरते हैं। अब अफरीदी कह रहे हैं कि पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली अख्तर की गेंदों से डरते थे और पाकिस्तानी गेंदबाजों ने ही गांगुली का करियर खत्म किया। अफरीदी के इस दावे से कोई भी सहमत नहीं होगा, क्योंकि अंतराष्ट्रीय क्रिकेट में कई रिकॉर्ड बना चुके गांगुली अगर अख्तर या किसी और तेज गेंदबाज से डरते तो वे कभी 16 साल के लंबे समय तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट नहीं खेल पाते।अफरीदी के पास ले देकर सिर्फ एक ही तर्क है कि एक बार गांगुली अख्तर की गेंद पर चोट खा बैठे थे। 1999 में मोहाली वनडे के दौरान गांगुली को अख्तर की एक तेज गेंद लगी थी और वे दर्द से कराह उठे थे। लेकिन यह तो खेल का एक हिस्सा है। कई बार खेल के दौरान मैदान में चोट लग जाती है। इससे यह तो नहीं कहा जा सकता कि गांगुली अख्तर की गेंदों से डरते हैं।एक किस्सा याद आ रहा है। 2006 में एक सिरीज से पहले शाहिद अफरीदी चोट के कारण टीम से बाहर हो गए। इस पाकिस्तानी 'सूरमा' की चोट का कारण भी सुन लीजिए। टीम की नेट प्रैक्टिस के बाद शोएब अख्तर तेजी से उछलकर अफरीदी की पीठ पर जा बैठे। अफरीदी भारीभरकम अख्तर के वजन को बर्दाश्त नहीं कर पाए और उनके कंधे में चोट आ गई। जब पाकिस्तानी खिलाड़ी बचकानी हरकतों से चोट खा बैठते हैं तो मैदान में चोट लगना तो खेल का हिस्सा है। अगर गांगुली मैदान में अख्तर की गेंद से चोटिल हो गए तो इसमें हैरानी किस बात की? वैसे गांगुली ने अख्तर के सामने सात टेस्ट मैच खेले हैं और और इस दौरान उन्होंने 64 की औसत से रन बनाए हैं। अख्तर इन सात टेस्ट में केवल दो बार गांगुली का विकेट ले पाए हैं। वनडे क्रिकेट में 25 मैचो में सात बार अख्तर ने गांगुली को आउट किया है। ये आंकडे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में गांगुली का कद बयान करते हैं।