बुधवार, 17 अप्रैल 2024
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Written By भाषा

इंग्लैंड के खिलाफ श्रृंखला जीतने के इरादे से उतरेगा भारत

इंग्लैंड के खिलाफ श्रृंखला जीतने के इरादे से उतरेगा भारत -
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बर्मिंघम। भारत 5 मैचों की श्रृंखला में अजेय बढ़त हासिल करने के बाद मंगलवार को यहां इंग्लैंड के खिलाफ चौथे एकदिवसीय मैच में एक बार फिर दमदार प्रदर्शन करते हुए श्रृंखला जीतने के इरादे के साथ मैदान पर उतरेगा।

कार्डिफ में दूसरे वनडे में डकवर्थ लुईस पद्धति के तहत 133 रन और फिर कार्डिफ में तीसरे वनडे में 6 विकेट की जीत के साथ भारत ने श्रृंखला में 2-0 की बढ़त हासिल कर ली है। इससे पूर्व ब्रिस्टल में पहला वनडे बारिश की भेंट चढ़ गया था।

एजबस्टन में अब मंगलवार को टीम इंडिया श्रृंखला जीतना चाहेगी। टीम का आत्मविश्वास बढ़ा हुआ है, क्योंकि अब तक 2 मैचों में इंग्लैंड उसे कड़ी चुनौती देने में नाकाम रहा है।

टेस्ट श्रृंखला में शानदार प्रदर्शन करने वाली इंग्लैंड की टीम सीमित ओवरों के मैचों में बिलकुल भी लय में नहीं दिख रही। कप्तान एलिस्टेयर कुक की लगातार आलोचना हो रही है लेकिन अब तक दोनों मैचों में वे एलेक्स हेल्स के साथ मिलकर टीम को अर्धशतकीय शुरुआत दिला चुके हैं।

कुक की कप्तानी के आलोचकों और यहां तक कि उनके सबसे करीबी समर्थक ग्रीम स्वान का भी मानना का है विश्व कप में उन्हें टीम की कप्तानी नहीं करनी चाहिए। कुक के कई फैसलों के कारण टीम को नुकसान उठाना पड़ा है और कई मौकों पर वे प्रभावित करने में नाकाम रहे।

मसलन नाटिंघम में जब धोनी ने इंग्लैंड की पारी के 20 ओवर के भीतर ही सुरेश रैना और अंबाती रायुडू को गेंद सौंपी तो उन्हें इन दोनों के ओवरों में तेजी से रन बनाने चाहिए थे। उस समय स्कोर 1 विकेट पर 80 रन था और कोई भी टीम वैसा ही करती। इस तरह की आक्रामकता का इंग्लैंड टीम में अभाव नजर आया।

यही वजह है कि 50 ओवरों के क्रिकेट में वे कोई बड़ा टूर्नामेंट नहीं जीत सके। उन्होंने वनडे में आखिरी बड़ी जीत 2013 में न्यूजीलैंड में दर्ज की थी।

उसके बाद उन्होंने 2014 की शुरुआत में वेस्टइंडीज को हराया और आयरलैंड तथा स्कॉटलैंड के खिलाफ 1-1 मैच जीता। ऑस्ट्रेलिया ने उसे 2 बार हराया और श्रीलंका ने भी उसे शिकस्त दी।

इसके मायने ये भी हैं कि पिछले 2 वनडे में मिली जीत से भारत को ज्यादा खुशफहमियां पालने की जरूरत नहीं है। यही टीम दक्षिण अफ्रीका और न्यूजीलैंड के खिलाफ जूझती नजर आई थी, जहां हालात अगले साल होने वाले विश्व कप के मेजबान ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की तरह के थे।

भारतीय सलामी बल्लेबाज अनुशासित कीवी गेंदबाजी के सामने अच्छी शुरुआत नहीं कर पाए। मध्यक्रम भी दबाव नहीं झेल सका। सिर्फ विराट कोहली और धोनी ने न्यूजीलैंड में रन बनाए थे। यहां कोहली खराब फॉर्म में है और भारत को सफलता दूसरे बल्लेबाजों ने दिलाई है।

रोहित शर्मा की उंगली में चोट के कारण भारत की विश्व कप की तैयारियों को धक्का लगा है। ऑस्ट्रेलिया में त्रिकोणीय श्रृंखला से पहले भारत की विदेशी सरजमीं पर यह आखिरी वनडे श्रृंखला है। ऐसे में भारत चाहता होगा कि रोहित और शिखर धवन पांचों मैच खेलें। लेकिन रोहित जहां चोटिल हैं, वहीं धवन खराब फॉर्म से नहीं उबर सके हैं।

दक्षिण अफ्रीका, न्यूजीलैंड और इंग्लैंड में 8 मैचों में उनका स्कोर 12, 0, 32, 12, 28, 9, 11 और 16 रहा। वे पिछले साल चैंपियंस ट्रॉफी वाला प्रदर्शन दोहराने में नाकाम रहे हैं। भारत के लिए यह बड़ी समस्या है। अजिंक्य रहाणे अनियमित सलामी बल्लेबाज के रूप में उतरे हैं लेकिन रोहित और धवन दोनों के खेलने पर वे चौथे नंबर पर उतरते आए हैं।

ट्रेंट ब्रिज में भारतीय खेमे ने रहाणे को बल्लेबाजी क्रम में ऊपर भेजा जिससे अंबाती रायुडू को एक और मौका मिला। उन्होंने मिडिलसेक्स के खिलाफ अभ्यास मैच में अच्छी अर्धशतकीय पारी खेली थी। उन्हें अंतिम एकादश में अधिक मौके नहीं मिले लेकिन ट्रेंट ब्रिज में मौका मिलने पर उन्होंने करियर की सर्वश्रेष्ठ नाबाद 64 रन की पारी खेली।

इस बीच मुरली विजय भी रोहित के विकल्प के तौर पर टीम में आए हैं लिहाजा टीम इंडिया को चयन की दुविधा झेलनी होगी।

टीमें- भारत : एमएस धोनी (कप्तान), शिखर धवन, मुरली विजय, विराट कोहली, अजिंक्य रहाणे, सुरेश रैना, अंबाती रायुडू, स्टुअर्ट बिन्नी, संजू सैमसन, आर. अश्विन, रवीन्द्र जडेजा, कर्ण शर्मा, मोहित शर्मा, उमेश यादव, मोहम्मद शमी, धवल कुलकर्णी, भुवनेश्वर कुमार।

इंग्लैंड : एलेस्टेयर कुक (कप्तान), मोईन अली, जेम्स एंडरसन, गैरी बैलेंस, इयान बेल, जोस बटलर, स्टीवन फिन, हैरी गर्ने, एलेक्स हेल्स, क्रिस जोर्डन, ईयोन मोर्गन, जो रूट, बेन स्टोक्स, जेम्स ट्रेडवेल, क्रिस वोक्स। (भाषा)