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Last Modified: नई दिल्ली , मंगलवार, 15 सितम्बर 2015 (22:42 IST)

फ्लेचर के कार्यकाल में अनुशासित नहीं थे खिलाड़ी : गावस्कर

फ्लेचर के कार्यकाल में अनुशासित नहीं थे खिलाड़ी : गावस्कर - Sunil Gavaskar, Duncan Fletcher
नई दिल्ली। डंकन फ्लेचर के 2011 से 2015 के कोचिंग कार्यकाल की आलोचना करते हुए पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर ने आज कहा कि जिंबाब्वे के इस कोच के कार्यकाल के दौरान काम के प्रति नैतिकता काफी खराब थी और खिलाड़ी अभ्यास सत्र के लिए देर से पहुंचते थे। गावस्कर ने रवि शास्त्री और विराट कोहली के कॉम्बिनेशन को भी सराहा 
फ्लेयर अप्रैल 2011 में भारत के कोच बने थे और इस साल मार्च में विश्व कप के साथ उनका कार्यकाल खत्म हुआ। भारत 50 ओवर की इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में सेमीफाइनल में पहुंचने में सफल रहा लेकिन ऑस्ट्रेलिया दौरे पर टीम के प्रदर्शन की काफी आलोचना हुई। इस बीच गावस्कर ने टीम निदेशक के रूप में रवि शास्त्री के प्रयासों की तारीफ की।
 
गावस्कर ने एनडीटीवी से कहा, ‘मुझे लगता है कि अब अधिक सकारात्मकता है। अभ्यास सत्र में अधिक जज्बा देखने को मिलता है। और यह महत्वपूर्ण है, काम के प्रति नैतिकता बेहद महत्वपूर्ण है। डंकन फ्लेचर के मार्गदर्शन में काम के प्रति नैतिकता काफी खराब थी। क्योंकि खिलाड़ी मैदान पर काफी देर से आते थे। जब वे मैदान पर आते थे तो अंदर आकर वार्मअप और अभ्‍यास करने में उन्हें 15 से 20 मिनट लग जाते थे।’
 
गावस्कर ने कहा, ‘अब शास्त्री और तीन कोचों के मार्गदर्शन में इसमें सुधार आया है। इसमें और बेहतर किया जा सकता है क्योंकि हमेशा सुधार गुंजाइश रहती है। विशेषकर जब टीम वार्म अप करके आती है तो हंसी मजाक में काफी समय बर्बाद किया जाता है। अगर इस समय को कम कर दिया जाए तो मुझे लगता है कि इस समय का इस्तेमाल अ5यास पर अधिक ध्यान देने के लिए किया जा सकता है।’ 
 
उन्होंने कहा, ‘लेकिन निश्चित तौर पर टीम को शास्त्री के अंतर्गत नई  कोचिंग टीम से फायदा मिला है।’ शास्त्री तीन सदस्यीय कोचिंग स्टाफ की अगुआई करते हैं जिसमें सहायक कोच संजय बांगड़, गेंदबाजी सलाहकार भरत अरुण और क्षेत्ररक्षण कोच आर श्रीधर शामिल है। गावस्कर 2016 टी20 विश्व कप तक शास्त्री की नियुक्ति को सही दिशा में उठाया गया कदम मानते हैं।
 
अगले साल विश्व टी20 के बाद भी शास्त्री को लंबा कार्यकाल देने के नजरिए पर गावस्कर का मानना है कि टीम के उनके इस पूर्व साथी के नतीजे खुद बोलते हैं।
 
गावस्कर ने कहा, ‘हम पिछले कुछ समय से प्रक्रिया से गुजर रहे हैं। ग्रेग चैपल के 2006-07 में प्रभार संभालने के साथ प्रक्रिया शुरू हुई थी लेकिन अगर नतीजे नहीं मिल रहे तो आपको कुछ करना होगा। अब नतीजे मिल रहे हैं और नतीजे इन दो लोगों (शास्त्री और विराट कोहली) के साथ आ रहे हैं।’ (भाषा)