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Last Modified: रविवार, 5 मई 2019 (21:39 IST)

BCCI लोकपाल को सचिन तेंदुलकर का जवाब, मौजूदा स्थिति के लिए बोर्ड ही जिम्मेदार

BCCI लोकपाल को सचिन तेंदुलकर का जवाब, मौजूदा स्थिति के लिए बोर्ड ही जिम्मेदार - Sachin rejected bcci observation no tractable conflict bcci responsible this situation
नई दिल्ली। दिग्गज क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने कथित हितों के टकराव मामले को बीसीसीआई (BCCI) द्वारा ‘समाधान योग्य’करार देने की दलील को खारिज करते हुए कहा कि‘मौजूदा स्थिति’के लिए बीसीसीआई ही जिम्मेदार है।
 
तेंदुलकर पर आरोप है कि वे क्रिकेट सलाहकार समिति के सदस्य के साथ मुंबई इंडियन्स के ‘आइकॉन’ होने के कारण दोहरी भूमिका निभा रहे हैं जो हितों के टकराव का मामला है।
 
तेंदुलकर ने इस मामले में बीसीसीआई के नैतिक अधिकारी डीके जैन को 13 बिंदुओं में अपना जवाब सौंपा है, जिसमें उन्होंने निवेदन किया है कि प्रशासकों की समिति (सीओए) के प्रमुख विनोद राय और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) को बुलाकर इस मसले पर ‘उनकी स्थिति स्पष्ट’की जाए।
 
सीएसी के तीनों सदस्य तेंदुलकर, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण को बोर्ड के लोकपाल एवं नैतिक अधिकारी डीके जैन ने नोटिस जारी किया था, लेकिन तीनों ने अपने हलफनामे में हितों के टकराव के आरोपों को खारिज कर दिया था।
 
तेंदुलकर और लक्ष्मण को मध्यप्रदेश क्रिकेट संघ (एमपीसीए) के सदस्य संजीव गुप्ता द्वारा दायर की गई शिकायत पर नोटिस भेजा गया था। तेंदुलकर को हालांकि जौहरी के उस पत्र (सीओए की सलाह से लिखे गए) पर आपत्ति है, जो उन्होंने शिकायतकर्ता गुप्ता को लिखा है।
 
इस पत्र में गांगुली की तरह तेंदुलकर के मामले को ‘समाधान योग्य हितों का टकराव’ बताया गया है। इस दिग्गज क्रिकेटर ने इन आरोपों को खारिज किया।
 
तेंदुलकर ने 10वें, 11वें और 12वें बिंदु में तीखी प्रतिक्रिया देते हुए लिखा है कि किसी पक्षपात के बिना नोटिस प्राप्तकर्ता (तेंदुलकर) इस बात पर आश्चर्य जाहिर करता है कि उसे सीएसी सदस्य बनाने का फैसला बीसीसीआई ने ही लिया था और अब वे ही इसे हितों के टकराव का मामला बता रहे हैं।
 
नोटिस प्राप्तकर्ता को संन्यास (आईपीएल से) के बाद 2013 में ही मुंबई इंडियन्स का ऑइकन बनाया था, जो सीएसी (2015) के अस्तित्व में आने से काफी पहले से है।
 
लक्ष्मण की तरह तेंदुलकर ने भी आरोप लगाए कि न तो सीईओ और न ही सीओए ने कभी भी सीएसी के तौर पर उनकी नियुक्ति से जुड़ी शर्तों के बारे में बताया।
 
उन्होंने कहा कि नोटिस प्राप्तकर्ता ने सीएसी में अपनी भूमिका के बारे में कई बार बीसीसीआई से स्पष्टीकरण की मांग की, लेकिन आज तक कोई जवाब नहीं मिला।
 
बीसीसीआई को पता है कि सीएसी सिर्फ सलाहकार की भूमिका निभा सकता है, ऐसे में मुंबई इंडियन्स के आइकॉन के तौर पर रहना कोई टकराव का मामला नहीं है।
 
तेंदुलकर ने यह भी उल्लेख किया कि कैसे उन्होंने खुद को अंडर-19 राष्ट्रीय टीम की चयन समिति की नियुक्ति की प्रक्रिया से अलग कर लिया था, क्योंकि उनके बेटे अर्जुन भी टीम में जगह बनाने के दावेदारों में शामिल थे।
 
उन्होंने कहा कि यह देखना जरूरी है कि कैसे नोटिस प्राप्तकर्ता ने खुद ही बीसीसीआई को अवगत कराया था कि इस मामले में हितों के टकराव का मुद्दा हो सकता है। (भाषा)
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