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Last Modified: गुरुवार, 27 नवंबर 2014 (17:52 IST)

क्रिकेट मैदान पर पहले भी हुए हैं दर्दनाक हादसे

क्रिकेट मैदान पर पहले भी हुए हैं दर्दनाक हादसे - Philip Hughes
सिडनी। ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज फिलिप ह्यूज का मामला पहला नहीं है, जब क्रिकेट के मैदान पर चोट लगने से किसी खिलाड़ी की मौत हुई हो बल्कि ऐसे दर्दनाक हादसों का इतिहास लंबा रहा है। 
 
    
शैफील्ड शील्ड मैच के दौरान सीन एबोट के बाउंसर से घायल हुए 25 वर्षीय ह्यूज की अस्पताल में दो दिन तक जिन्दगी की जंग लड़ने के बाद गुरुवार को मौत हो गई। हालांकि ह्यूज एकमात्र ऐसे क्रिकेटर नहीं है, जो इस तरह के दु:खद हादसे के शिकार हुए। 
      
पूर्व भारतीय ओपनर रमन लांबा भी मैदान पर एक दर्दनाक हादसे का शिकार बने थे। वर्ष 1998 में ढाका में एक क्लब मैच के दौरान फील्डिंग करते समय लांबा के सिर के पीछे गेंद आकर लगी। उन्हें दिमागी चोटें आई, जिससे वह उबर नहीं सकें और 38 वर्षीय इस क्रिकेटर की मौत हो गई। 
     
गत वर्ष दक्षिण अफ्रीका के 32 वर्षीय विकेटकीपर बल्लेबाज डैरेन रैनडाल एक घरेलू मैच के दौरान क्रीज पर आगे आकर एक शॉट लगाने का प्रयास कर रहे थे, तभी गेंद उनके सिर पर आकर लगी। वह मैदान पर ही गिर पड़े और फिर उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उनकी मौत हो गई।
 
वर्ष 2013 में ही पाकिस्तान के 22 वर्षीय युवा बल्लेबाज जुल्फिकार भट्टी भी एक ऐंसे ही खतरनाक हादसे का शिकार बने। पाकिस्तान के सिंध प्रान्त में एक क्लब मैच में बल्लेबाजी के दौरान गेंद भट्टी की छाती पर लगी। उन्हें अस्पताल ले जाया गया लेकिन चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। 
 
पाकिस्तान के ही 18 वर्षीय युवा विकेटकीपर अब्दुल अजीज की वर्ष 1959 में कराची में एक घरेलू मैच के दौरान छाती में गेंद लगने से मृत्यु हो गई थी। 
      
इंग्लैंड के 33 वर्षीय तेज गेंदबाज रिचर्ड ब्यूमोंट 2012 में एक क्लब मैच के दौरान हार्ट अटैक के कारण मैदान पर गिर गए। रिचर्ड को हवाईजहाज से बर्मिंघम के एक अस्पताल ले जाया गया लेकिन वह वापस मैदान पर लौट नहीं पाए। इससे पहले वर्षा 2006 में पाकिस्तान के बल्लेबाज वसीम राजा की बकिंघमशायर में मार्लो में सरे के लिए खेलते हुए हार्ट अटैक के कारण मौत हो गई थी। 
      
मैदान पर गेंद लगने से केवल खिलाड़ियों की ही मौत नहीं हुई बल्कि अंपायर भी ऐसे हादसों के शिकार बने। वर्ष 2009 में इंग्लैंड के 72 वर्षीय अंपायर एल्विन जेनकिंस के सिर में फील्डर द्वारा थ्रो की गई एक गेंद लगी, जिसके बाद अस्पताल में उनकी मौत हो गई। 
 
वर्ष 1993 में एक घरेलू मैच के दौरान इंग्लैंड के 30 वर्षीय गेंदबाज इयान फोले जब शॉट खेलने की कोशिश कर रहे थे तब उनकी आंख में आकर गेंद लगी। बाद में अस्पताल में उन्हें दिल का दौरा पडा और उनकी मौत हो गई। 
      
मिडिलसेक्स और इंग्लैंड के बाएं हाथ के बल्लेबाज विल्फ स्लेक गांबिया में बल्लेबाजी करते हुए अचानक बेहोश हो गए और बाद में उन्हें बचाया नहीं जा सका। हालांकि उनकी मौत की वजह नहीं पता चल सकी लेकिन पहले भी वह मैदान पर कई बार बेहोश हो चुके थे। 
      
वर्ष 1942 में इंग्लैंड के 56 वर्षीय एंडी डुकेट लॉर्ड्‍स में एक टेस्ट मैच में हृदयाघात के कारण बेहोश होकर मैदान पर गिर पड़े। बाद में उनकी मृत्यु हो गई थी। 
      
लॉर्ड्‍स में ही वर्ष 1870 में एमसीसी के खिलाफ खेलते हुए नॉटिंघमशायर के 25 वर्षीय बल्लेबाज जॉर्ज सर्मस जब मैदान में बल्लेबाजी कर रहे थे, तब उनके सिर में एक गेंद आकर लगी। सिर में लगी चोट के कारण कुछ दिनों बाद उनकी मौत हो गई। (वार्ता)