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Last Modified: वायनाड (केरल) , शुक्रवार, 21 अगस्त 2015 (19:08 IST)

नायर के शतक से भारत 'ए' ने मैच ड्रॉ कराया

नायर के शतक से भारत 'ए' ने मैच ड्रॉ कराया - Karun Nair,
वायनाड (केरल)। कर्नाटक के प्रतिभाशाली बल्लेबाज करुण नायर के धैर्यपूर्ण शतक की मदद से भारत ‘ए’ ने कुछ विषम पलों से गुजरने के बाद आज यहां दक्षिण अफ्रीका ‘ए’ के खिलाफ पहला अनधिकृत टेस्ट क्रिकेट मैच ड्रॉ कराया। भारत ने 444 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए मैच के चौथे और आखिरी दिन आज यहां जब चार विकेट पर 309 रन बनाए थे, तब अंपायरों ने दोनों कप्तानों अंबाती रायुडु और डेन विलास से मशविरा करके मैच ड्रॉ कराने का फैसला किया। 
 
आखिरी दिन की विशेषता 23 वर्षीय नायर के नाबाद 114 रन रहे, जिसके लिए उन्होंने 192 गेंदें खेली तथा 18 चौके और एक गगनदायी छक्का लगाया। नायर को तमिलनाडु के ऑलराउंडर विजय शंकर का अच्छा साथ मिला। इन दोनों ने पांचवें विकेट के लिए 148 रन की अटूट साझेदारी करके दक्षिण अफ्रीकी टीम की जीत की संभावनाएं समाप्त की। 
 
विजयशंकर ने 142 गेंदों का सामना करके नाबाद 74 रन बनाए। उनकी पारी में 12 चौके शामिल हैं। इन दोनों ने उस समय क्रीज पर कदम रखा जब भारतीय टीम चार विकेट पर 161 रन बनाकर संकट में दिख रही थी। अभी लगभग 50 ओवर बचे हुए थे और दक्षिण अफ्रीका के पास बाकी बचे छह विकेट लेने का पर्याप्त समय था। 
 
नायर और शंकर की साझेदारी का सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह रहा कि उन्होंने सकारात्मक रवैया अपनाया। इन दोनों ने 43.3 ओवर में अपनी साझेदारी निभाई। इन दोनों बल्लेबाजों ने पहली पारी में भारतीय बल्लेबाजी को थर्राने वाले स्पिनर डेन पीट को आसानी से खेला। इस ऑफ स्पिनर ने पहली पारी में 88 रन देकर पांच विकेट लिए थे लेकिन दूसरी पारी में वह 125 रन देकर एक विकेट ही ले पाए। 
 
इससे पहले सुबह रायुडु (15) और अभिनव मुकुंद (65) ने 51 रन जोड़े। भारत 'ए' के कप्तान को बाएं हाथ के स्पिनर केशव महाराज की गेंद पर करीबी क्षेत्ररक्षक थेनिस डि ब्रूएन ने आउट किया।
 
भारत का लक्ष्य मैच को ड्रॉ कराना था और बाएं हाथ के सलामी बल्लेबाज मुकुंद ने पूरी तरह से रक्षात्मक रवैया अपनाया। उन्होंने अपने 65 रन के लिए 200 गेंद खेली और आठ चौके लगाए। 
 
मुकुंद की चार घंटे तक चली पारी का अंत डि ब्रूएन ने एक और करीबी कैच लेकर किया। इस बार गेंदबाज पीट थे। दक्षिण अफ्रीकी टीम को हालांकि इसके बाद कोई सफलता नहीं मिली तथा नायर और शंकर ने पूरे आत्मविश्वास के साथ टीम को संकट से बाहर निकाला। (भाषा)