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Last Updated : गुरुवार, 3 अक्टूबर 2019 (21:52 IST)

भारत ने द. अफ्रीका के खिलाफ पहले टेस्ट में शिकंजा कसा, Ashwin का चला जादू

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विशाखापट्‍टनम। ओपनरों मयंक अग्रवाल (215) और रोहित शर्मा (176) की रिकॉर्ड  317 रन की ओपनिंग साझेदारी के दम पर भारत (india) ने द. अफ्रीका (south africa) के खिलाफ पहले क्रिकेट टेस्ट में अपना शिकंजा कस लिया।

भारत ने पहली पारी 7 विकेट पर 502 रन पर घोषित की, जिसके जवाब द. अफ्रीका ने 20 ओवर में 39 रन पर 3 विकेट खो दिए थे। अश्विन (Ashwin) का जादू चला और उन्होंने 2 विकेट झटके। अफ्रीका अभी भारत से 463 रन पीछे है।
 
मयंक ने अपने पहले शतक को दोहरे शतक में बदला और 371 गेंदों पर 215 रन बनाए जबकि रोहित ने 244 गेंदों पर 176 रन बनाए। इन दोनों शतकधारियों की सबसे दिलचस्प बात यह रही कि दोनों ने अपनी पारी में एक समान 23 चौके और 6 छक्के लगाए। दोनों के बीच 82 ओवर में 317 रन की जबरदस्त साझेदारी हुई और इस दौरान उन्होंने कई रिकॉर्ड बना डाले। 
भारत ने कल के बिना कोई विकेट खोए 202 रन से आगे खेलना शुरू किया था और कप्तान विराट कोहली ने टीम के 500 रन पूरे होने के बाद अपनी पारी घोषित कर दी। रोहित ने 115 और मयंक ने 84 रन से अपनी पारी को आगे बढ़ाया था। विराट ने 20, अजिंक्य रहाणे ने 15, रवींद्र जडेजा ने नाबाद 30, हनुमा विहारी ने 10 और रिद्धिमान साहा ने 21 रन बनाए जबकि चेतेश्वर पुजारा 6 रन बनाकर आउट हुए। 
 
पहले टेस्ट का पहला दिन यदि हिटमैन रोहित के नाम रहा था तो दूसरा दिन पूरी तरह मयंक के नाम रहा। मयंक ने जबरदस्त बल्लेबाजी करते हुए अपने करियर का पहला दोहरा शतक ठोक दिया। मयंक ने पहले सत्र में अपना शतक पूरा किया और लंच के बाद दोहरा शतक जड़ दिया। भारतीय पारी के 115वें ओवर में केशव महराज की पहली गेंद पर 2 रन लेकर मयंक ने अपना दोहरा शतक पूरा किया। 
 
कर्नाटक के 28 वर्षीय मयंक का इससे पहले सर्वश्रेष्ठ स्कोर 77 रन था और वह अपने 5वें टेस्ट में अपने पहले दोहरे शतक पर पहुंचे हैं।दूसरे दिन के दोनों सत्र मयंक के नाम रहे। पहले सत्र में उन्होंने अपना शतक पूरा किया और दूसरे सत्र में उस शतक को दोहरे शतक में तब्दील कर दिया।

दोहरा शतक लगाने के साथ ही मंयक चौथे ऐसे भारतीय बल्लेबाज बन गए हैं जिन्होंने अपने पहले टेस्ट शतक को दोहरे शतक में तब्दील किया है। 
मंयक से पहले दिग्गज बल्लेबाज दिलीप सरदेसाई (नाबाद 200) ने न्यूजीलैंड के खिलाफ साल 1965 में, विनोद कांबली (224) ने इंग्लैंड के खिलाफ 1993 में और करुण नायर (नाबाद 303) ने इंग्लैंड के खिलाफ 2016 में  यह कारनामा किया है।

इस तरह मयंक भारतीय टीम के लिए 10 साल बाद दोहरा शतक जड़ने वाले सलामी बल्लेबाज बन गए हैं। साल 2009 में टीम इंडिया के विस्फोटक ओपनर वीरेंद्र सहवाग ने श्रीलंका के खिलाफ मुंबई के ब्रेबोर्न स्टेडियम पर 293 रन बनाए थे। 
 
मयंक ने इसके साथ ही सहवाग के रिकॉर्ड की बराबरी भी कर ली है। वह भारत के दूसरे बल्लेबाज बन गए हैं, जिन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दोहरा शतक जमाया है। यह उनका भारत में पहला टेस्ट मैच है। इस तरह उन्होंने भारत में खेले गए अपने पहले ही टेस्ट मैच में न सिर्फ शतक, बल्कि दोहरा शतक जमा दिया। 
रोहित और मयंक ने पहले विकेट के लिए 317 रन की साझेदारी की। भारतीय टेस्ट इतिहास में तीसरी बार ऐसा हुआ है कि भारत के लिए ओपनिंग जोड़ी ने 300 से उपर की साझेदारी निभाई है।

वीनू मांकड और पंकज रॉय ने 1956 में चेन्नई में न्यूजीलैंड के खिलाफ ओपनिंग साझेदारी में 413 रन तथा सहवाग और राहुल द्रविड़ ने 2006 में पाकिस्तान के खिलाफ लाहौर में पहले विकेट के लिए 410 रन जोड़े थे। 
 
यह भारत की दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ किसी भी विकेट के लिए सबसे बड़ी साझेदारी है। इससे पहले सहवाग और द्रविड़ ने 2008 में चेन्नई में दूसरे विकेट के लिए 268 रन जोड़े थे। दोनों ओपनरों ने कुल 391 रन बनाए जो किसी टेस्ट पारी में तीसरे सर्वाधिक ओपनरों का सर्वाधिक योग है।

अपनी साझेदारी के दौरान दोनों बल्लेबाजों ने छक्कों का अनोखा रिकॉर्ड बना डाला। रोहित और मयंक ने पहली पारी के दौरान कुल 12 छक्के लगाए। इसमें से रोहित के बल्ले से 6 छक्के और मयंक के बल्ले से 6 छक्के निकले। इससे पहले साल 1994 और 2009 में श्रीलंका के खिलाफ भारतीय ओपनर्स ने 8-8 छक्के लगाए थे। 
 
रोहित अपने दोहरे शतक से जब 24 रन दूर थे कि तभी लेफ्ट आर्म स्पिनर केशव महाराज को मारने की कोशिश में स्टंप हो गए। भारत को दूसरा झटका जल्द लग गया जब पुजारा को तेज गेंदबाज वेर्नोन फिलेंडर ने बोल्ड कर दिया। पुजारा ने 17 गेंदों में छह रन बनाये।

मयंक और विराट ने तीसरे विकेट के लिए 53 रन की साझेदारी की। विराट को सेनुरन मुथुसामी ने अपनी ही गेंद पर कैच किया। भारतीय कप्तान ने 40 गेंदों पर चार चौकों की मदद से 20 रन बनाए। 
 
केशव महाराज ने रहाणे और विहारी के विकेट भी लिए जबकि लेफ्ट आर्म स्पिनर डीन एल्गर ने मयंक का कीमती विकेट लिया। साहा को डेन  पिएट ने आउट किया।

जडेजा 46 गेंदों में एक छक्के की मदद से 30 रन बनाकर नाबाद रहे। महाराज ने 55 ओवर की मैराथन गेंदबाजी में 189 रन देकर तीन विकेट लिए जबकि फिलेंडर, पिएट, मुथुसामी और एल्गर को एक-एक विकेट मिला।
Photo courtesy: BCCI