पांचवें वन डे में भी धोनी करेंगे मनमानी
सिडनी में शनिवार को भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज के पांचवें और अंतिम मैच में उतरेगी तो उस पर सीरीज में 0-5 की हार से बचने का दबाव होगा। भारतीय टीम सीरीज में लगातार चार वनडे हारकर क्लीन स्वीप की कगार पर है।
हार के बाद कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की आलोचना हो रही है। अब तक सीरीज में न तो धोनी रन बना पाए हैं और न ही उनकी कप्तानी के निर्णय कारगर साबित हुए हैं।
धोनी ने पहले दो वनडे हारने के बाद मनीष पांडे और आर अश्विन को टीम से बाहर कर दिया और रिषी धवन और गुरकीरत सिंह को शामिल किया। इससे टीम का संतुलन बिगड़ गया और भारतीय टीम मेलबर्न और कैनबरा में दो करीबी मैच गंवा बैठी।
मेलबर्न ने भारत को एक गेंदबाज कम पड़ गया और मुश्किल हालात के बावजूद ग्लेन मैक्सवेल टीम को जिता ले गए। अगर यहां अश्विन होते तो मैक्सवेल को रोकने की संभावनाएं बढ़ जातीं।
इसके बाद कैनबरा वनडे में भारतीय टीम विशाल लक्ष्य का पीछा करते हुए 25 रनों से हार गई। यहां टीम को एक बल्लेबाज कम पड़ गया। मनीष पांडे अगर होते तो भारतीय टीम यह मैच जीत सकती थी।
पांडे और अश्विन के स्थान पर शामिल किए गये रिषी धवन और गुरकरीत दोनों ही मैच में फेल रहे। जाहिर है धोनी का यह फैसला गलत साबित हुआ। अब अगर शनिवार को होने वाले वनडे मैच में भी धोनी अपने निर्णय पर कायम रहेंगे तो हो सकता है कि टीम इंडिया को फिर नुकसान उठाना पड़े।