गुरुवार, 25 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. खेल-संसार
  2. क्रिकेट
  3. समाचार
  4. Despite lean patch Cheteshwar Pujara Ajinkya Rahane unlikely to face axe in 2nd Test
Written By
Last Modified: सोमवार, 29 नवंबर 2021 (12:57 IST)

पुजारा रहाणे नहीं किसी और ही बल्लेबाज पर गिरेगी गाज, अय्यर पर भी चुप है टीम मैनेजमैंट

पुजारा रहाणे नहीं किसी और ही बल्लेबाज पर गिरेगी गाज, अय्यर पर भी चुप है टीम मैनेजमैंट - Despite lean patch Cheteshwar Pujara Ajinkya Rahane unlikely to face axe in 2nd Test
कानपुर: अपने पहले टेस्ट में शतक और अर्धशतक बनाने वाले पहले भारतीय बने श्रेयस अय्यर की बढ़िया बल्लेबाज़ी के बाद सभी की नज़रें चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे पर हैं। अगले हफ़्ते के मुंबई टेस्ट के लिए कप्तान विराट कोहली टीम में वापसी कर रहे हैं। अय्यर को अगले टेस्ट के लिए टीम में बरक़रार रखा जाएगा या नहीं, इसके बारे में भारत के बल्लेबाज़ी कोच विक्रम राठौर ने कोई संकेत दिए बिना अपने दो अनुभवी बल्लेबाज़ों पर भरोसा जताया है।

विशेष रूप से राठौर से जब सवाल किया गया कि 'दो सीनियर क्रिकेटरों' का ख़राब फ़ॉर्म कितनी बड़ी चिंता का विषय है तो राठौर ने कहा, "बेशक़ हम चाहते हैं कि हमारा शीर्ष क्रम योगदान दें, लेकिन आपने जिन क्रिकेटरों का उल्लेख किया है, उन्होंने 80 और 90 टेस्ट मैच खेले हैं। उनके पास अनुभव है। ज़ाहिर है कि इतने मैच खेलने के लिए उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया होगा। मैं समझता हूं कि दोनों ख़राब दौर से गुज़र रहे हैं लेकिन उन्होंने अतीत में हमारे लिए कई महत्वपूर्ण पारियां खेली हैं। हमें पूरा यक़ीन है कि वे फ़ॉर्म में वापसी करेंगे और भविष्य में भी हमारी टीम के लिए और भी महत्वपूर्ण पारियां खेलेंगे।"

रहाणे की टेस्ट औसत 40 से नीचे

पिछले 16 टेस्ट मैचों में बॉक्सिंग डे टेस्ट में शतक के साथ रहाणे की औसत 24.39 की रही है। इस मैच में 35 और चार रनों की पारियां खेलने के बाद उनके करियर की औसत गिरकर 40 से नीचे चली गई है। घरेलू परिस्थितियों में उन्होंने 35.73 के औसत से रन बनाए हैं।

पुजारा की टेस्ट औसत 30 से नीचे

वहीं दूसरी तरफ़ 2018-19 के ऑस्ट्रेलिया दौरे के बाद से पुजारा के बल्ले से एक भी शतक नहीं निकला है और उनकी औसत 28.61 की रही है। ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड में उन्होंने कई अहम पारियां ज़रूर खेली लेकिन पूरी तरह अपनी लय प्राप्त नहीं कर पाए। इसी के कारण इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट महज़ 36.1 का रहा है। इस मैच में उन्होंने क्रमशः 26 और 22 रन बनाए।

एक समय पर भारत 51 रन पर पांच विकेट गंवाकर नाज़ुक स्थिति में था। बढ़त 100 की थी और पिच बाक़ी भारतीय पिचों की तुलना में कम बिखरी थी। उस मुश्किल स्थिति में पिच की धीमी गति और एक विश्व स्तरीय विपक्षी स्पिनर की कमी का साथ मिला जो तेज़ गेंदबाज़ों के अच्छे प्रदर्शन को आगे नहीं बढ़ा पाया।

अय्यर और ऋद्धिमान साहा ने पहले भारत को मुश्किल से बाहर निकाला और फिर सूझबूझ भरी बल्लेबाज़ी करते हुए इस मैच को न्यूज़ीलैंड की पकड़ से बहुत दूर भेज दिया है। अगर भारत इस समय नाज़ुक स्थिति में होता तो रहाणे और पुजारा पर और उंगलियां उठाई जाती। इसके बावजूद राठौर से पूछा गया कि अगर उनके बल्ले से रन नहीं आ रहे हैं तो अतीत में अच्छा प्रदर्शन करने वालों को और कितने मौक़े दिए जाएंगे।

राठौर ने जवाब में कहा, "मुझे नहीं लगता कि हम इसमें कोई निर्धारित संख्या डाल सकते हैं। यह टीम की स्थिति और ज़रूरतों पर निर्भर करेगा।"तो क्या होगा जब कोहली वापस आएंगे? राठौर ने कहा, "मुझे पता है कि कप्तान मुंबई में टीम में वापस आएंगे। हम उस नतीजे पर तब पहुंचेंगे जब हम मुंबई में होंगे। फ़िलहाल हम मैच पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। अभी भी एक दिन का खेल खेला जाना है और नतीजा निकालना है। इसलिए हमारा ध्यान इस मैच पर हैं।"

क्या आप इस बात की पुष्टि कर सकते हैं कि अय्यर अगला टेस्ट खेलेंगे? राठौर ने कहा, "यह फ़ैसला हम तब लेंगे जब हम मुंबई पहुंचेंगे।"

यह बेशक़ कठिन निर्णय होंगे लेकिन टीम प्रबंधन चाहेगा कि विकल्पों की कमी होने की बजाय बाहर बैठे खिलाड़ी एकादश में मौजूद खिलाड़ियों पर दबाव बनाए रखें। ऐसी ही स्थिति विकेटकीपिंग विभाग में भी चल रही है, लेकिन वहां राठौर ने पुष्टि की कि ऋषभ पंत वापस आने पर कीपिंग का कार्यभार संभालेंगे।

राठौर ने आगे कहा, "हमारे पास ऋषभ पंत के रूप में एक बहुत ख़ास खिलाड़ी हैं जो टीम के प्रमुख कीपर हैं। पिछले दो वर्षों में उन्होंने बहुत अच्छा प्रदर्शन भी किया है। इस समय ऋद्धि की यही भूमिका है। जब भी हमें उनकी ज़रूरत होती है और पंत टीम में नहीं होते है तो वह मौजूद रहते हैं। आज फिर अपनी पारी से उन्होंने दिखाया कि वह कितने महत्वपूर्ण है और कितने अच्छे खिलाड़ी हैं।"

"हालांकि, आप 37 वर्षीय साहा के लिए भी उस भूमिका के बारे में निश्चित नहीं हो सकते हैं, जिन्होंने अपने तीन विदेशी दौरों में से दो को चोट या बल्लेबाज़ी क्षमता की कमी के कारण पूरा नहीं किया। भले ही उन्होंने गर्दन की तकलीफ़ को पार करते हुए एक अर्धशतक बनाया, जिससे भारत को कानपुर में सुरक्षित स्थिति पर जाने में मदद मिली, विकेट के पीछे उनकी अनुपस्थिति ने एक युवा दावेदार केएस भरत के लिए द्वार खोल दिया, जो अपने कीपिंग से प्रभावशाली थे। उन्होंने असमतल उछाल वाली इस पिच पर तीन मुश्किल मौक़ों पर विकेट चटकाने में अपना योगदान दिया।"

भले ही राठौड़ ने इस ओर कोई इशारा ना किया हो कि श्रेयस अय्यर दूसरा टेस्ट खेलेंगे या नहीं लेकिन उन्हें बाहर बैठाने पर टीम मैनेजमेंट को खासी आलोचना सहनी पड़ सकती है क्योंकि श्रेयस अय्यर ने ना केवल पहली पारी में शतक जमाया बल्कि दूसरी पारी में भी मुश्किल के वक्त 65 रनों की पारी खेली। लगता है अगले टेस्ट से कोई अलग ही नाम अंतिम ग्यारह से बाहर होने वाला है।
ये भी पढ़ें
अफ्रीकी महाद्वीप जाकर बुरी फंसी श्रीलंका टीम, 6 खिलाड़ियों को हुआ कोरोना