Last Modified: नई दिल्ली ,
शनिवार, 8 अगस्त 2009 (11:56 IST)
मनमानी फीस नहीं बढ़ा सकते निजी स्कूल
नियम बनाने का अधिकार सिर्फ सरकार को- सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली (एजेंसी)। सुप्रीम कोर्ट ने मनमाने तरीके से फीस बढ़ाने के लिए निजी स्कूलों को कड़ी फटकार लगाई और कहा कि फीस बढ़ोतरी पर सरकार ही कानून बना सकती है। पब्लिक स्कूल मनमाने तरीके से फीसवृद्धि नहीं कर सकते हैं। कोर्ट की इस व्यवस्था से अभिभावकों को बड़ी राहत मिली है।
सुप्रीम कोर्ट ने गैर सहायता प्राप्त निजी स्कूलों की कार्यसमिति की पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई करते हुए शुक्रवार को कहा कि पब्लिक स्कूलों को फीसवृद्धि का कोई अधिकार नहीं है। पुनर्विचार याचिका में सुप्रीम कोर्ट से 2004 के फैसले पर पुनर्विचार का आग्रह किया गया था, जिसमें कहा गया है कि सरकार की अनुमति के बगैर फीस नहीं बढ़ाई जा सकती है। कार्यसमिति ने शिक्षकों को छठा वेतनमान लागू करने के लिए फीसवृद्धि की अनुमति माँगी थी।
कोर्ट ने 27 अप्रैल 04 के अपने उस फैसले को बरकरार रखा है, जिसमें कहा गया कि निजी स्कूलों को फीस बढ़ोतरी के लिए शिक्षा निदेशक से अनुमति लेना जरूरी है। इसके अलावा फीस ढाँचे पर रोक लगाने के शिक्षा निदेशक के फैसले को भी उचित ठहराया गया।
दुःखी थे अभिभावक
यह अभिभावकों के लिए बहुत बड़ी राहत है क्योंकि इन स्कूलों की मनमानी से अभिभावक बहुत ही दुःखी थे। सुप्रीम कोर्ट ने इन स्कूलों को इस मुद्दे पर भी फटकार लगाई है कि उन्होंने शिक्षा को मात्र व्यापार के नजरिए से देखा है।
-अशोक अग्रवाल, अध्यक्ष दिल्ली अभिभावक संघ, सोशल ज्यूरिस्ट संस्था