Last Modified: मुंबई ,
सोमवार, 28 दिसंबर 2009 (08:39 IST)
भारत में महँगा होगा अधिग्रहण
बाजार नियामक सेबी किसी भी सूचीबद्ध कंपनी में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी के लिए पेशकश अनिवार्य करने पर विचार कर रहा है, जिससे भारत में कॉर्पोरेट अधिग्रहण महँगा हो सकता है।
मौजूदा नियमों के तहत अधिग्रहणकर्ता को लक्षित कंपनी में कम से कम 20 प्रतिशत हिस्सेदारी के लिए पेशकश करना होती है।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनियम बोर्ड (सेबी) ने अधिग्रहण नियामक परामर्श समिति गठित की है, जो मौजूदा नियमों में उचित बदलाव पर विचार कर रही है। यह समति सी. अच्युतन की अध्यक्षता में बनी है।
किसी तरह का बदलाव अब अगले वित्त वर्ष से ही संभव होगा, लेकिन कहा जाता है कि समिति खुली पेशकश की मात्रा को 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 100 प्रतिशत करने पर गंभीरता से विचार कर रही है। इसी तरह खुली पेशकश की शुरुआती (ट्रिगर लिमिट) को 15 प्रतिशत से बढ़ाया जा सकता है।
खुली पेशकश का आकार बढ़ाए जाने का मतलब होगा कि अधिग्रहण की इच्छुक कंपनी को अधिक नकदी रखना पड़ेगी। यह कदम आम तथा खुदरा निवेशकों के हितों को ध्यान में रखते हुए उठाया जा रहा है। (भाषा)