शुक्रवार, 19 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. व्यापार
  3. समाचार
Written By भाषा
Last Modified: नई दिल्ली , शनिवार, 5 जुलाई 2014 (19:57 IST)

बजट सत्र के दौरान महंगाई पर संसद में होगी चर्चा

बजट सत्र के दौरान महंगाई पर संसद में होगी चर्चा -
FILE
नई दिल्ली। सोमवार को शुरू हो रहे संसद के बजट सत्र के दौरान विपक्ष ने काबू में नहीं आ रही मंहगाई पर नरेन्द्र मोदी सरकार को घेरने के लिए चर्चा की मांग की है, जिसे सत्ता में आई भाजपा ने लोकसभा चुनाव में बड़ा चुनावी मुद्दा बनाया था।

सत्र से पहले लोकसभा अध्यक्ष की ओर से बुलाई जाने वाली परंपरागत सर्वदलीय बैठक में सबसे बड़े विपक्षी दल कांग्रेस के नेता को निचले सदन में नेता प्रतिपक्ष का दर्जा देने के बारे में कोई निर्णय नहीं हुआ। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने इस बारे में सवालों के जवाब से बचते हुए कहा कि आज की बैठक सदन के काम-काज के बारे में विचार विमर्श के लिए थी।

लोकसभा अध्यक्ष द्वारा संसदीय ग्रंथालय में बुलाई गई इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी उपस्थित हुए, लेकिन उन्होंने मीडिया से बात नहीं की। बैठक के बाद सुमित्रा महाजन ने संवाददाताओं द्वारा लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष के बारे में किए गए प्रश्नों के उत्तर को टालते हुए कहा, यह बैठक मैंने सदन के काम-काज पर चर्चा के लिए बुलाई थी। लोकसभा उपाध्यक्ष के चुनाव के बारे में भी उन्होंने सवालों का जवाब नहीं दिया।

543 सदस्यीय लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष का दर्जा पाने के लिए किसी विपक्षी दल के पास कम से कम 55 सदस्य होना जरूरी है और सबसे बड़े विपक्षी दल के रूप में उभरी कांग्रेस इन चुनावों में सिर्फ 44 सीट ही जीत सकी है संसदीय मामलों के मंत्री एम़ वेंकैया नायडु ने बताया कि बैठक में विपक्षी दलों ने मंहगाई, रेल किराए में बढ़ोत्तरी, तमिल मछुआरों की समस्या और संघर्षरत इराक में भारतीयों के फंसे होने के मुद्दों को उठाने की मांग की है।

लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि राजनीतिक दल जिन विषयों पर चर्चा कराना चाहते हैं, कार्य मंत्रणा समिति की बैठकों में उन पर फैसला कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि रेल बजट और आम बजट पर होने वाली चर्चाओं से इतर भी अन्य विषयों पर अलग से चर्चाएं करायी जा सकती हैं।

नायडू ने कहा कि सरकार सत्र के दौरान राष्ट्रीय महत्व के किसी भी मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है। उन्होंने बताया कि सरकार की ओर से संसद के दोनों सदनों में इराक में भारतीयों की स्थिति पर बयान दिया जाएगा। इस महीने की 7 तारीख से शुरू हो रहा मोदी सरकार का पहला बजट सत्र 14 अगस्त तक चलेगा। इसकी कुल 28 बैठकें होंगी और लगभग 168 घंटे कार्य होगा।

लोकसभा अध्यक्ष ने बताया कि चूंकि विभिन मंत्रालयों की संसदीय स्थायी समितियों का गठन अभी होना बाकी है इसलिए समितियों में चर्चा की बजाए विभिन्न मंत्रालयों की अनुदान मांगों को संसद में ही चर्चा करके 31 जुलाई तक पारित करा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि बैठक में सभी दलों ने सदन चलाने में सहयोग का आश्वासन दिया है और सरकार ने भी कहा कि वह सभी विषयों पर चर्चा के जरिए सदन को चलाने के पक्ष में है।

बैठक में प्रधानमंत्री, भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस के ही ज्योतिरादित्या सिंधिया, तृणमूल कांग्रेस के कल्याण बनर्जी, बीजद के भतुहरि महताब, माकपा के पी़ करूणाकरण और सपा के धमेन्द्र यादव आदि उपस्थित हुए। सरकार की ओर से नायडू के अलावा संसदीय राज्य मंत्री प्रकाश जावडेकर और संतोष गंगवार और उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान भी मौजूद थे।

तृणमूल कांग्रेस के कल्याण बनर्जी ने मांग की कि रेल बजट और आम बजट पर चर्चा के बाद सबसे पहले महंगाई और रेल भाड़ों में बढ़ोत्तरी से उत्पन्न स्थिति पर चर्चा होनी चाहिए। संघीय व्यवस्था पर सरकार की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि मोदी सरकार सदन के पटल पर तो दावे करती है कि वह संघवाद का सम्मान करेगी, लेकिन जमीनी हकीकत में हम ऐसे संघवाद को नहीं देख पा रहे हैं।

तृणमूल कांग्रेस की सदस्य संख्या के अनुरूप संसद भवन में पार्टी को उचित कार्यालय कक्ष नहीं दिए जाने पर भी नाराजगी जताते हुए उन्होंने कहा कि हर दल को संसद में उसकी संख्या के अनुसार कार्यालय की जगह दी जानी चाहिए। लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि आज की सर्वदलीय बैठक में नेता प्रतिपक्ष का दर्जा दिए जाने के मुद्दे पर चर्चा नहीं हुई।

सुमित्रा महाजन ने बताया कि इस सत्र से पहली बार लोकसभा की कार्यवाही में एक नयी सुविधा शुरू की जा रही है। अब पिछली सीटों से अपनी बात रखने वाले सदस्यों की तस्वीर सदन में सामने लगे स्क्रीन पर देखी जा सकेगी। ऐसा करने से अगली पंक्तियों में बैठे सदस्यों को पीछे मुड़ कर नहीं देखना पड़ेगा और वे स्क्रीन देख कर जान जाएंगे कि कौन सदस्य अपनी बात रख रहा है।

सरकार ने बताया कि वह भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण संशोधन अध्यादेश, 2014 और आंध्रप्रदेश पुनर्गठन संशोधन अध्यादेश 2014 के तहत पोलावरम परियोजना संबंधी अध्यादेशों के बदले विधेयक लाएगी। नायडू ने कहा कि विभिन्न लंबित विधेयकों की समीक्षा की जाएगी और विपक्ष के सहयोग से सदन में उन्हें पेश करने की प्राथमिकताएं तय की जाएंगी। (एजेंसी)