बापू पर कविता : प्रजातंत्र के रखवाले...
बापू हमारे देश में
नेता हैं खादी के वेश में
प्रजातंत्र के रखवाले हैं
देश इनके हवाले है
शिक्षक काम के बोझ से मरता है
जनता भूख से बदहाल है
बापू देश का यह हाल है
न्याय बहरा गूंगा है
जनसेवकों ने जनता को ठगा है
जनतंत्र में भ्रष्टाचार है
हर पत्र में यही समाचार है
देश में संप्रदायवाद एवं जातिवाद है
क्षेत्रवाद एवं भाषावाद है
आतंकवाद एवं नक्सलवाद है
परिवारवाद एवं अवसरवाद है
देश में कई बेईमान है
फिर भी हमारा भारत महान है
सड़कों पर लगता जाम है
यह समस्या आम है
नाम के लिए हर कोई मरता है
काम कोई नहीं करता है
बापू आजाद भारत की यह कहानी है
यह हिंदुस्तान की जनता की जुबानी है।