बच्चों की कविता : गंदी कुल्फी
मेरे घर के ठीक सामने,
आया कुल्फी वाला।
बोला- कुल्फी ले लो लाली,
ले लो कुल्फी लाला।
लाला-लाली दोनों दौड़े,
झटपट कुल्फी लाने।
हाथ पकड़कर उनको रोका,
उठकर दादी मां ने।
यह कुल्फी गंदी है बच्चो,
दादी मां चिल्लाई।
किसी नदी-नाले के गंदे,
जल से गई बनाई।
यह कुल्फी खाई तो निश्चित,
आएगी बीमारी।
दोनों बच्चे बोले दादी,
वेरी-वेरी सॉरी।