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Written By WD

सुगंध दशमी पर्व : चारों ओर धूप की खुशबू

धूप दशमी का पर्व महत्‍व

Sugandh Dashmi Parvl | सुगंध दशमी पर्व : चारों ओर धूप की खुशबू
Rajashri
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दिगंबर जैन मंदिरों में चारों ओर धूप की भीनी-भीनी और सुगंधित खुशबू बिखरी रही। सभी समाजवासियों ने सुगंध दशमी (धूप दशमी) का पर्व उत्साहपूर्वक मनाया। भाद्रपद में शुक्‍ल पक्ष की दशमी को यह पर्व मनाया जाता है। इसे सुगंध दशमी अथवा धूप दशमी कहा जाता है।

जैन मान्‍यताओं के अनुसार पर्युषण पर्व के अंतर्गत आने वाली सुगंध दशमी का काफी महत्‍व है। इस व्रत को विधिपूर्वक करने से मनुष्य के अशुभ कर्मों का क्षय होकर पुण्‍यबंध का निर्माण होता है तथा उन्हें स्‍वर्ग, मोक्ष की प्राप्ति होती है।

इस दौरान जैन समुदाय शहरों/गांवों में सभी जैन मंदिरों में जाकर भगवान को धूप अर्पण करते हैं। जिसे धूप खेवन भी कहा जाता है, जिससे सारा वायुमंडल सुगंधमय होकर, बाहरी वातावरण स्‍वच्‍छ और खुशनुमा हो जाता है।

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इस अवसर पर अपने द्वारा हुए बुरे कर्मों के क्षय की भावना मन में लेकर मंदिरों में भगवान के समक्ष धूप चढ़ाई जाती है। कई मं‍दिरों में मंडल विधान की सुंदर रचनाएं, कई जगहों पर झाकियां, तो कहीं अलग-अलग जगहों के तीर्थ क्षेत्र की झाकियां सजाई जाती हैं तथा स्वर्ण व रजत उपकरणों से जिनालयों को सजाया जाता है।

इस दिन पांचों पाप (हिंसा, झूठ, चोरी, कुशील, परिग्रह) का त्‍याग कर भगवान की पूजा, स्‍वाध्‍याय, धर्म चिंतन, कथा श्रवण एवं सामयिक आदि में समय व्‍यतीत करके सुंगध दशमी की पूजा की जाती है। शाम में दशमुख वाले घट में दशांग धूप आदि का क्षेपण कर रात्रि को आरती-भक्ति, भजन आदि में समय व्यतीत कर यह व्रत किया जाता है।

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सभी जिनालयों में चौबीस तीर्थंकरों को धूप अर्पित करके, भगवान से अच्छे तन-मन की प्रार्थना की जाएगी। साथ ही अपने अंदर व्याप्त बुराइयों को दूर करने की भगवान से प्रार्थना की जाएगी, ताकि हमारे सारे बुरे कर्मों का क्षय होकर हम मोक्ष की ओर अग्रसर हो सकें।

सुगंध दशमी का अर्घ्य

* सुगंध दशमी को पर्व भादवा शुक्ल में,
सब इन्द्रादिक देव आय मधि लोक में;
जिन अकृत्रिम धाम धूप खेवै तहां,
हम भी पूजत आह्वान करिकै यहां।।

* पर्व सुगंध दशै दिन जिनवर पूजै अति हरषाई,
सुगंध देह तीर्थंकर पद की पावै शिव सुखदाई।।

अर्थात् हे भगवान! सुगंध दशमी के दिन सभी ‍तीर्थंकरों का पूजन कर मेरा मन हर्षित-प्रफुल्लित हो गया है तथा धूप खेवन के इस पवित्र वातावरण से भगवान खुश होकर मोक्ष पद का रा्स्ता हमें दिखलाएं, इसी मनोभावना के साथ सभी जैन मंदिरों में सुगंध दशमी पर धूप खेई जाती है।

- राजश्री कासलीवाल

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