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Written By WD

हेरोइन जैसा नशा देता है धूप स्नान..!

हेरोइन जैसा नशा देता है धूप स्नान..! -
किसी भी समुद्र तट पर घंटों पड़े रहकर धूप स्नान करने वाले लोगों को टैनिंग (रंग को गहरा बनाने का) का नशा ऐसा ही मजा देता है जैसे कि किसी नशा करने वाले को हेरोइन का नशा। शोधकर्ताओं का कहना है कि इन लोगों के शरीर पर धूप ठीक ऐसा ही काम करती है जैसे किसी नशा करने वाले पर हेरोइन जैसी हार्ड ड्रग।

शोधकर्ताओं का कहना है कि धूप में पाई जाने वाली अल्ट्रावायलेट किरणें तथाकथित फील-गुड (अच्‍छे होने का अहसास) दिलाने वाली हॉरमोन्स, एंडोरफिन्स के उत्पादन को बढ़ा देती हैं। इसलिए डेकचेयर पर सारा दिन बिताने वाले लोगों के लिए उसी तरह की अनुभूति होती है जैसी कि नशे के आदी व्यक्ति को।

अमेरिका में हार्वर्ड मेडिकल सेंटर के डॉ. फिशर का कहना है कि उनकी यह जानकारी उन लोगों के लिए एक शिक्षा का काम कर सकती है जो कि सूर्य की किरणों के अत्यधिक सम्पर्क में रहते हैं। ऐसा करने से त्वचा के कैंसर का जोखिम सीमित होता है और इसके साथ ही त्वचा की आयुर्वृद्धि को भी रोका जा सकता है जो कि सूर्य की किरणों के सम्पर्क में बार-बार होने से पैदा होती है। उनका यह भी कहना है कि हमारी खोज यह सुझाव देती है कि हमारी त्वचा को सुरक्षित बनाने का निर्णय एक निष्क्रिय वरीयता की बजाय एक जागरूक प्रयास हो।

डॉ. फिशर और उनके दल के निष्कर्ष सेल नामक पत्रिका में प्रकाशित हुए हैं। उन्होंने पता लगाया कि एक कृत्रिम धूप में एक सप्ताह बिताने के बाद बाल कटे हुए चूहों के रक्त में एंडोरफिन के स्तर बढ़ गए और बाद में उन्होंने इस स्थिति का प्रतिकार दर्शाया। लेकिन ब्रिटिश विशेषज्ञों ने इन परिणामों की वैधता पर सवाल खड़े किए हैं। यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन की डॉ. क्लेयर स्टानफोर्ड का कहना है कि यह अध्ययन चूहों में अल्ट्रावायलेट रोशनी के ‍एडिक्शन के प्रमाणों को नहीं दर्शाता है।

उनका यह भी कहना है कि चूहों की जिस प्रजाति का उपयोग किया गया, वह वास्तव में किसी तरह का मेलाटोनिन पैदा नहीं करती है जो कि अल्ट्रावायलेट (यूवी) रोशनी से होने वाले नुकसान के खिलाफ सुरक्षा करने वाली मानी जाती है। इस तरह के चूहों के बालों को निकाल देना और उन्हें यूवी रोशनी के सामने रखना भी पशु कल्याण के बारे में महत्वपूर्ण नैतिक सवालों को खड़ा करता है।

एडिनबर्ग यूनिवर्सिटी के डॉ. रिचर्ड वेलर का कहना है कि चूहे रात के समय सक्रिय रहने वाले प्राणी हैं जो कि आमतौर पर रोशनी से दूर भागते हैं। इसलिए किसी को भी मनुष्यों के लिए किए जाने वाले इन अनुभवों से सावधान रहना चाहिए।