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Written By वार्ता
Last Modified: टोकियो , सोमवार, 1 सितम्बर 2014 (15:38 IST)

जापानी शिक्षक सिखाएं भारतीय बच्चों को जापानी: नरेन्द्र मोदी

जापानी शिक्षक सिखाएं भारतीय बच्चों को जापानी: नरेन्द्र मोदी -
PTI
टोकियो। प्राथमिक शिक्षा में नैतिक मूल्यों, आधुनिकता और अनुशासन को समाहित करने की अपनी योजना को लागू करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को जापानी शिक्षा प्रणाली को अच्छी तरह से समझने का प्रयास किया और जापानी शिक्षकों से भारत के बच्चों को जापानी भाषा सिखाने में मदद का आग्रह किया।

मोदी ने सोमवार को यहां 136 वर्ष पुराने ताईमेई प्राथमिक स्कूल में एक छात्र के रूप में जापानी शिक्षा व्यवस्था के बारे में बारीकी से जानकारी ली।

उन्होंने विशेष रूप से जाना कि यहां के बच्चों में नैतिक मूल्यों के साथ-साथ आधुनिकता और अनुशासन कैसे लाया जाता है। उन्होंने सवाल किया कि क्या यहां के बच्चों को अनुशासित करने के लिए दंडित भी किया जाता है?

मोदी ने कहा कि सारा विश्व इस बात को मानता है कि 21वीं सदी एशिया की सदी है। इसके लिए एशियाई देशों को अपने आपको इतनी बड़ी जिम्मेदारी के लिए तैयार करना है। इसके लिए एशियाई देशों को आस-पड़ोस के देशों की भाषाओं और सामाजिक मूल्यों को अच्छे ढंग से सीखना-समझना होगा जिससे पूरी मानव जाति के कल्याण हो। इसी के तहत वे भारत के स्कूलों में जापानी भाषा सिखाने के लिए प्रयास कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने मंशा जताई कि वे भारत की प्राथमिक शिक्षा में नैतिक मूल्यों, अनुशासन और आधुनिकता का समावेश करना चाहते हैं और यही समझने के लिए वे इस पुराने स्कूल में आए हैं।

मोदी ने भारतीय बच्चों को जापानी भाषा सिखाने में यहां के शिक्षा विभाग से सहयोग का अनुरोध किया।

उन्होंने कहा कि पूरा विश्व जानता है कि 21वीं सदी एशिया की होगी लेकिन इसके लिए जरूरी है कि एशियाई देश आस-पड़ोस की भाषा को सीखें और सामाजिक मूल्यों को समझें। यह इसलिए भी जरूरी है कि 21वीं सदी न केवल एशियाई देशों की बनें बल्कि पूरी मानव जाति के कल्याण में काम आए।

उन्होंने कहा कि इसी के तहत भारतीय स्कूलों में जापानी भाषा को सिखाने की शुरुआत की गई है।

उन्होंने कहा कि भारत में केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के विद्यालयों में जापानी भाषा की कक्षाएं शुरू की गई हैं लेकिन इसके लिए वहां अध्यापकों कमी महसूस हो रही है।

उन्होंने जापानी शिक्षा विभाग और शिक्षा क्षेत्र के लोगों को भारत में जापानी भाषा सिखाने के आमंत्रित किया और कहा कि अवकाश प्राप्त शिक्षक भी अगर इसके लिए भारत आना चाहते हैं तो उनका भी स्वागत है।

उन्होंने जापान से इसमें मदद करने का आग्रह करते हुए कहा कि दोनों देश मिलकर इसके लिए कार्यक्रम बना सकते हैं और ऑनलाइन भाषा सिखाने का काम भी किया जा सकता है। इससे दोनों देशों के छात्र एक-दूसरे की भाषा सीख सकेंगे और चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए तैयार हो सकेंगे।

इससे पहले जापान के उपशिक्षा मंत्री मईकावा कीहेई ने जापान की प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा प्रणाली के बारे में मोदी को विस्तार से जानकारी दी और उनके सवालों के जवाब भी दिए।

ताईमेई प्राथमिक स्कूल 136 साल पुराना प्राथमिक विद्यालय है, जो 1 सितंबर 1923 को आए एक विनाशकारी भूकंप में पूरी तरह से नष्ट हो गया था। इसका पुनर्निर्माण किया गया था।

मोदी ने इस तथ्य का उल्लेख करते हुए गुजरात में 26 जनवरी 2001 को आए भूकंप को याद किया, जब अंजार में गणतंत्र दिवस की खुशियां मना रहे 400 से अधिक बच्चों ने जान गंवा दी थी।

जापान के बहुत बड़े परिवारों के बच्चे भी इस स्कूल में शिक्षा दीक्षा लेते हैं और इस प्रकार से इस स्कूल का जापान के सामाजिक जीवन में भी एक प्रतिष्ठित स्थान है। (वार्ता)