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Last Updated : शनिवार, 18 अप्रैल 2015 (15:11 IST)

हाफिज ने कहा, कश्मीर में पाक की मदद से चल रहा जेहाद

हाफिज ने कहा, कश्मीर में पाक की मदद से चल रहा जेहाद - Terrorist Hafiz Saeed_ kashmir terrorism
इस्लामाबाद। पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के मुखिया हाफिज सईद ने खुलासा किया है कि पाकिस्तान सरकार और पाकिस्तानी फौज कश्मीर में अलगाववादियों की मदद कर रही है। हाफिज के मुताबिक कश्मीर को आजाद कराने के लिए पाकिस्तान की मदद से जेहाद चलाया जा रहा है। हाफिज सईद मुंबई पर हुए 26/11 हमलों का मास्टरमाइंड है।

एक पाकिस्तानी टीवी चैनल 24 को दिए इंटरव्यू में हाफिज सईद ने खुलासा किया है कि पाकिस्तान सरकार और फौज कश्मीर में अलगाववादियों की मदद कर रही है। हाफिज के मुताबिक, कश्मीर को आजाद कराने के लिए पाकिस्तान की मदद से ही जेहाद चलाया जा रहा है।

हाफिज का कहना है कि जेहाद के जरिए ही कश्मीर को आजाद कराया जा सकता है। हाफिज सईद ने कहा कि हम हक की बात करते हैं। कश्मीर मामले पर भारत जुल्म पर उतरा हुआ है। सईद ने कहा कि अगर गोली चलेगी तो गोली का जवाब गोली से दिया जाएगा। आजाद कश्मीर का हक है।

इससे पहले हाफिज सईद ने श्रीनगर में भारत विरोधी रैली करने वाले और पाकिस्तान के समर्थन में जम्मू और कश्मीर में नारे लगाने वाले अलगाववादी नेता मसर्रत आलम का खुलकर समर्थन किया था।

हाफिज ने शुक्रवार को मसर्रत के समर्थन में लाहौर में रैली की थी। रैली में हाफिज सईद ने कहा कि मसरत आलम बागी नहीं है। हम कश्मीरी लोगों के लिए कुर्बानी देंगे। कश्मीर के लोगों का दिल पाकिस्तान से जुड़ा है।

मसर्रत पर लगाई गई कानूनी धाराओं का जिक्र करते हुए हाफिज सईद ने कहा, 'यह देशद्रोह नहीं, आजादी की लड़ाई है। मसर्रत के खिलाफ लगाया गया देशद्रोह का आरोप पूरे पाकिस्तानी अवाम के खिलाफ लगाया गया है। मसर्रत ने नई दिल्ली में नहीं, श्रीनगर में पाकिस्तानी झंडा फहराया है। श्रीनगर कश्मीर में आता है, जिसे यूएन रिजोल्यूशन में भी विवादित क्षेत्र माना गया है।'

गौरतलब है कि मसर्रत आलम ने श्रीनगर में अलगाववादी नेता अली शाह गिलानी की रैली में भारत विरोधी नारे लगाए है। मसर्रत ने ‘पाकिस्तान मेरी जान’ जैसे नारे लगाए थे। मसर्रत ने हाफिज का समर्थन भी किया था। इसके बाद देश में काफी हंगामा मचा। श्रीनगर में मसर्रत आलम की गिरफ्तारी का विरोध कर रहे अलगाववादी नेता मीरवाइज फारुक की कमान में प्रदर्शनकारियों की पुलिस से जमकर झड़प हुई।

इस तरह फैलते मीडिया और तकनीक के सहारे  कश्मीर में आतंक के विचार...
ऐसे फैला कश्मीर में जहर :  कश्मीर में आतंकवाद और अलगाववाद फैलाने में जितना अहम किरदार पाकिस्तानी राजनीतिज्ञों का रहा उतना ही अहम रोल भारत की वोट बैंक की राजनीति रही। इस बीच भारतीय मीडिया ने कभी अपनी जिम्मेदारी नहीं समझी आज भी उसने हाफिज सईद का पूरा इंटरव्यू अपने चैनल पर दिखाया।

आमतौर पर कश्मीर के लोगों को पाकिस्तान के नेताओं के जहरिले भाषण सुनाई नहीं देते। 1989 में पहली बार बेनजीर भुट्टो के जहरिले भाषणों की टेप को कश्मीर में बांटा गया। लेकिन जब से भारतीय मीडिया का विस्तार हुआ है यह काम आसान हो गया है। हाफिज सईद, बिलावल भुट्टो और नवाज शरीफ के कश्मीर को लेकर दिए गए भाषणों को कश्मीर के लोगों ने मीडिया के माध्यम से दिनभर सुना और उसके बाद कश्मीर के युवाओं का दिमाग घुम गया। सईद के भाषण से अलगाववादियों के दिलों में जान फूंक दी।

24 अक्टूबर, 1947 की बात है, पठान जातियों के कश्मीर पर आक्रमण को पाकिस्तान ने उकसाया, भड़काया और समर्थन दिया। भारत के वि‍भाजन के तुरंत बाद ही कश्मीर पर पाकिस्तानी सेना ने कबाइलियों के साथ मिलकर आक्रमण कर दिया और बेरहमी से कई दिनों तक कश्मीरी पंडितों का कत्लेआम किया गया। इस तरह पाकिस्तान ने कश्मीर के एक बहुत बड़े भू भाग पर कब्जा कर लिया जो अभी तक बरकरार है जिसे पाक अधिकृत कश्मीर कहा जाता है। इस आक्रमण को भारत के तात्कालीन प्रधानमंत्री मूक दर्शक बनकर देखते रहे।

1989 में बेनजीर भुट्टो के काल में आतंक का एक नया दौर शुरु हुआ। बेनजीर भुट्टो ने 'ऑपरेशन टोपेक' नाम से एक योजना बनाई और भारत के खिलाफ छद्म युद्ध छेड़ दिया। उसने षड़यंत्र पूर्वक कश्मीर में अलगाव और आतंक की आग फैलाई। उसके भड़काऊ भाषण की टेप को अलगाववादियों ने कश्मीर में बांटा। बेनजीर के जहरिले भाषण ने कश्मीर में हिन्दू और मुसलमानों की एकता तोड़ दी।

एक सुबह पंडितों का नरसंहार शुरु हुआ। इस नरसंहार में 6000 कश्मीरी पंडितों को मारा गया। 750000 पंडितों को पलायन के लिए मजबूर किया गया। 1500 मंदिरों नष्ट कर दिए गए। 600 कश्मीरी पंडितों के गांवों को इस्लामी नाम दिया गया। इस नरसंहार को भारत की तथाकथित धर्मनिरपेक्ष सरकार मूकदर्शक बनकर देखती रही। आज भी नरसंहार करने और करवाने वाले खुलेआम घुम रहे हैं।

यह गौर करने वाली बात यह है कि आजकल भाषणों के टेप बांटने की जरूरत नहीं यह काम मीडिया बखूबी कर देती है।