मंगलवार, 23 अप्रैल 2024
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जापान में छात्राओं को वेश्या बनाने का कारोबार

जापान में छात्राओं को वेश्या बनाने का कारोबार - students prostitutes
हाल ही में जापान के 'स्कूल गर्ल कल्चर' को लेकर एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म बनाई गई है। इसे ब्रुकलिन, न्यूयॉर्क स्थित पत्रिका वाइस के संवाददाता साइमन ऑस्ट्रोवस्की ने बनाया है, जिन्होंने बताया है कि किस तरह से जापान की किशोरी छात्राओं को कामुक बूढ़े लोगों द्वारा वेश्यावृत्ति के धंधे में धकेला जाता है। 
डेलीमेल डॉट कॉम के लिए एरिका टेम्पेस्टा लिखती हैं कि वाइस न्यूज, न्यूयॉर्क के होस्ट साइमन ओस्ट्रोवस्की ने टोक्यो के अकीहाबारा क्षेत्र की यात्रा की और यह पता लगाने की कोशिश की जापान में किस तरह से किशोर लड़कियों का यौन शोषण किया जाता है।  
 
सनद रहे कि टोक्यो का अकीहाबारा क्षेत्र ऐसी लड़कियों से भरा पड़ा है जो ग्राहकों के साथ चलने के बदले में पैसा हासिल करती हैं। जापानी में इस परम्परा को जोशी-कोशी ओसानपो (हाईस्कूल गर्ल) वॉकिंग डेट्‍स कहा जाता है। 

इस तरह की वॉकिंग डेट्‍स एक तरह के पार्लर चलाते हैं जो कि बूढ़े, अधेड़ ग्राहकों को किशोर लड़कियों के साथ भेज देते हैं। लड़कियों को ग्राहकों से पैसा मिलता है और वॉकिंग डेट पार्लर चलाने वाले लोग ऐसे ग्राहकों से मोटी रकम बसूलते हैं। पिछले वर्ष अमेरिकी विदेश विभाग ने इसे वेश्यावृत्ति का मुखौटा बताया था। 
जो लोग इन लड़कियों को कुछ समय के लिए लेकर जाते हैं, वे उनसे विभिन्न काम कराते हैं जिनमें भविष्य बताने से लेकर मालिश करवाने और ग्राहक के साथ समय बिताना तक शामिल है। वॉकिंग डे्‍टस को अंडरएज प्रॉस्टीट्यूशन माना जा सकता है जो कि ऐसे लोगों द्वारा चलाया जाता है, जो कि हमेशा ही लड़कियों पर नजर रखते हैं। 
 
अपना नाम, पता गोपनीय रखने की शर्त पर साइमन को एक महिला ने बताया-उसने 16 वर्ष की उम्र से जेके डेट्‍स पर जाना शुरू कर दिया था क्योंकि उसकी मां मानसिक तौर पर बीमार थी और उसके परिवार का खर्चा चलना मुश्किल था।

साइमन का कहना है कि टोक्यो के अकीहाबारा ‍क्षेत्र में पर्चे, पैम्पलेट बांटने का अर्थ होता है कि वह संभावित ग्राहकों की प्रतीक्षा में है। इस अज्ञात महिला ने बताया कि उसकी जेके डेट्‍स जल्द ही बढ़ गई और वह सेक्स के बदले पैसे लेने लगी। तब वह 18  वर्ष से भी कम की थी और 11वीं कक्षा में पढ़ती थी। उसे डेट्‍स के लिए तैयार होने की जरूरत नहीं पड़ती थी क्योंकि ग्राहक ताजे चेहरे वाली किशोरी चाहते थे।  
स्कूल गर्ल कल्चर जापान में बहुत लोकप्रिय है और देश में बहुत सारी लड़कियों के गुट भी ऐसा करते हैं। लड़कियों के गुट भीड़ भरे स्थलों पर परफॉर्म भी करते हैं। इन लड़कियों के गीतों के अर्थ बूढ़े लोग बहुत अच्छी तरह समझते हैं और उन्हें कार्यक्रम के बाद पैसा देने का वायदा करते हैं। 
 
बहुत सारे लोग समझते हैं कि यह संगीत का कार्यक्रम है और लड़कियां सामान्य तौर पर मनोरंजन कर रही हैं लेकिन ये लड़कियां अपनी यूनिफॉर्म में ही सभी कुछ करती रहती हैं। 

जापान में एक लम्बे समय तक रहे अमेरिकी पत्रकार जैक एडस्टीन का कहना है कि इस जेके बिजनेस से लाभ उठाने वाला कोई एक नेटवर्क नहीं है। इसके बहुत से प्रकार हैं और यह एक कारोबारी अवसर है। 
साइमन ने गौर किया कि अकीहाबारा में एक ब्लॉक की दूरी पर पुलिस विभाग की बहुमंजिला इमारत है लेकिन इसी के आसपास सब कुछ खुले में चलता रहता है। इसके बारे में सबको पता है लेकिन कोई कुछ नहीं करना चाहता है। 
 
डेट्‍स के लिए किशोरियों को पैसा देने की शुरुआत 1990 के दशक में शुरू हुई थी। साइमन ने एक छोटे जेके बिजनेस पर जाकर एक लड़की से भविष्य जानना चाहा। यह काम तीस डॉलर (3000 येन) का था और इस दौरान लड़की हंसती-खिलखिलाती रही। 
 
जब उसने लड़की से पूछा कि उसके और ग्राहक क्या जानना, करना चाहते हैं तो उसका जवाब था, ' जो भी मजा लेने लायक हो।'

साइमन ने स्कूली छात्राओं के बैंड्‍स का प्रदर्शन भी देखा और इसके साथ-साथ होने वाली गतिविधियों पर ‍छिपे हुए कैमरे से नजर रखी। उन्होंने वहां कई लोगों को युवा लड़कियों से बात करते हुए देखा। उनकी बातचीत सुनी जो कि पूरी तरह से निर्दोष थी लेकिन पैसों का लेनदेन होने के साथ ही सेक्स का कारोबार शुरू हो जाता है। 
जापान में महिलाओं के लिए जीवन खराब है और अवसर बहुत कम हैं। समाज भी ऐसा है जो कि महिलाओं से घृणा करता है और उनका शोषण करता है। जो युवा महिलाएं वेश्यावृत्ति के धंधे में पड़ जाती हैं, वे शर्म के कारण अपने परिजनों, दोस्तों को कुछ नहीं बताती हैं और सारी बातें छिपाए रखती हैं।