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Last Modified: कोलंबो , सोमवार, 29 अक्टूबर 2018 (00:30 IST)

श्रीलंका की संसद के स्पीकर ने विक्रमसिंघे को ही प्रधानमंत्री माना

श्रीलंका की संसद के स्पीकर ने विक्रमसिंघे को ही प्रधानमंत्री माना - Srilankan Parliament says, Ranil Vikramasinghe is still PM
कोलंबो। श्रीलंका की संसद के स्पीकर कारु जयसूर्या ने सांसत में फंसे रानिल विक्रमसिंघे को रविवार को बड़ी राहत दी और यह कहते हुए उन्हें देश के प्रधानमंत्री के तौर पर मान्यता दे दी कि उन्होंने 'लोकतंत्र एवं सुशासन कायम करने के लिए जनादेश हासिल किया है।'
 
गौरतलब है कि यूएनपी नेता विक्रमसिंघे को राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री के पद से बर्खास्त कर दिया। जयसूर्या ने सिरीसेना को लिखे एक पत्र में 16 नवंबर तक सदन को निलंबित करने के उनके फैसले पर सवाल खड़ा किया। उन्होंने कहा कि इससे देश के लिए 'गंभीर एवं अवांछनीय' परिणाम होंगे। 
 
उन्होंने राष्ट्रपति से विक्रमसिंघे को सरकार के नेता के तौर पर मिले विशेषाधिकार फिर से बहाल करने को कहा क्योंकि उन्हें 'लोकतंत्र एवं सुशासन कायम करने के लिए जनादेश हासिल है।'
 
सिरीसेना ने शुक्रवार की रात को विक्रमसिंघे को बर्खास्त कर दिया और महिंदा राजपक्षे को देश का नया प्रधानमंत्री नियुकत कर दिया। अगले दिन जब विक्रमसिंघे ने अपना बहुमत साबित करने के लिए संसद के आपात सत्र बुलाने की मांग की तो सिरीसेना ने संसद 16 नवंबर तक के लिए निलंबित कर दी। उन्होंने विक्रमसिंघे की निजी सुरक्षा भी वापस ले ली।
 
स्पीकर ने कहा कि संसद को निलंबित करने का फैसला स्पीकर के साथ विचार-विमर्श के बाद लिया जाना चाहिए। जयसूर्या ने कहा, '16 नवंबर तक संसद भंग रखने से हमारे देश को गंभीर एवं अवांछनीय परिणाम भुगतने होंगे और मैं आपसे विनम्र आग्रह करता हूं कि इस पर फिर से विचार करें।'
 
उन्होंने कहा, 'मेरे विचार से, यह मेरा कर्तव्य है कि मैं आपका ध्यान उस प्रक्रिया की तरफ आकर्षित करूं जिसके तहत संसद स्थगित करने का फैसला अध्यक्ष के परामर्श से लिया जाना चाहिए।' अध्यक्ष ने विक्रमसिंघे की सुरक्षा वापस लेने के सिरीसेना के फैसले पर भी सवाल उठाए। 
 
जयसूर्या ने सिरीसेना को शुक्रवार की रात विक्रमसिंघे की जगह पूर्व राजनीतिक दिग्गज महिंदा राजपक्षे को प्रधानमंत्री बनाए जाने के बाद से देश के कुछ संस्थानों को बलपूर्वक नियंत्रण में लेने की घटनाएं भी याद दिलाईं।