स्पर्म डोनर के प्यार में पड़ी महिला
यह हॉलीवुड की किसी फिल्म की कहानी हो सकती है और इस पर कोई सफल फिल्म भी बनाई जा सकती है। मेलबोर्न की अमीना हार्ट 42 वर्ष की हो चुकी थीं और पूरी तरह अकेली थीं। वे एक बच्चा चाहती थीं और इसके लिए उन्होंने आईवीएफ का सहारा लिया। उन्हें तीन स्पर्म डोनर में से किसी एक चुनने को कहा गया था।
हालांकि वे एक जेनेटिक खामी के कारण अपने दो बच्चों को खो चुकी थीं और इस कारण से पहले से ही बहुत दुखी थीं। इस बार उन्होंने एक ऐसे स्पर्म डोनर को चुना जो कि खुश जान पड़ता था और जिसके पहले से ही चार स्वस्थ बच्चे थे। अमीना हाफ वेस्ट इंडियन है, लेकिन उसकी जो बच्ची पैदा हुई उसके सुनहरे बाल थे।
अमीना की मां हेलन ने उस किसान की ऑनलाइन खोज की जिसने अपना स्पर्म दिया था। अगस्त 2013 में जब बेबी लैला एक वर्ष की हुई तो अमीना और स्कॉट एंडरसन पहली बार मिले और क्रिसमस तक दोनों में प्यार हो गया। अब हॉलीवुड इस विक्टोरियन दम्पत्ति की कहानी को पर्दे को दिखाने के लिए तैयार है। इस बीच दम्पत्ति ने थाईलैंड में छुट्टियों के दौरान अपनी सगाई की घोषणा कर दी है।
डेली मेल ऑस्ट्रेलिया के लिए सारा डीन और लीसा स्मिथ तथा मेलिसा हिल्स का कहना है कि यह एक ऐसी औरत की मार्मिक कहानी है, जिसने स्पर्म देने वाले का पता लगाया जिसने उसे एक सुंदर स्वस्थ बच्ची दी। अब दोनों में प्यार हो गया है और दोनों ने अपनी सगाई की घोषणा कर दी है। अमीना हार्ट और स्कॉट एंडरसन की अविश्वसनीय कहानी सोमवार की रात को एबीसी पर दिखाई गई।
सुश्री हार्ट का कहना था कि उन्होंने पांच वर्ष में शादी करने की योजना बनाई थी, लेकिन स्कॉट अपनी दुकानों से लैला के लिए दूध लेकर लौटा और उसने सीधे सपाट लहजे में कहा कि क्या मुझसे शादी करोगी।
इसके बाद उसने गांव की एक दुकान से खरीदी गई अंगूठी पहनाई। मैं इसे बहुत प्यार करती हूं क्योंकि यह स्कॉट की दी हुई चीज है। दोनों का कहना है कि वे एक आधुनिक परिवार हैं और ऑस्ट्रेलिया में लौटने पर अगले सप्ताह विकल्पों पर विचार करेंगे। सुश्री हार्ट इस बात से बहुत खुश हैं कि उनकी कहानी को सारी दुनिया के बहुत सारे लोग जानते हैं। 42 वर्ष की उम्र में उन्होंने एक ऐसा फैसला किया जिसने उनकी दुनिया को पूरी तरह से बदल दिया है। बदला भी इस तरह से कि इसकी वे भी कल्पना नहीं कर सकती थीं।
उनका पहला बच्चा मार्लन उनके पहले पति से पैदा हुआ था, लेकिन वह चार माह की आयु में नहीं रहा। उस समय वे इंग्लैंड में रह रही थीं। वर्ष 2010 में वे फिर से ऑस्ट्रेलिया लौटीं और यहां उनके एक पूर्व साथी से लुइस पैदा हुआ जो कि केवल 14 माह की जीवित रह सका। 42 की उम्र में अमीना ने सोचा कि समय तेजी से निकल रहा है और वे बच्चे के बारे में गंभीरता से सोचने लगीं। बच्ची के होने के बाद अमीना की मां हेलन ने गूगल पर लैला के पिता की खोज की।
जबकि इससे पहले अमीना को स्पर्म डोनर के तौर पर बहुत थोड़ी सी जानकारी ही उन्हें उपलब्ध कराई गई थी। जब अमीना ने 2011 में स्कॉट एंडरसन का स्पर्म लिया तो यह 2010 से क्वारनटाइन में था। जब बच्ची 11 माह की हो गई थी तब अमीना को भी बच्ची के पिता से मिलने की इच्छा हुई। अमीना का कहना था कि स्कॉट ने उन्हें बताया था कि वह पशु पालक था और एक गैर पेशेवर फुटबॉल कोच था। अगस्त 2013 में अमीना और लैला डेढ़ घंटे की दूरी पर मेलबोर्न से फिलिप आइलैंड के पास पहुंचे। यह स्थान मेलबोर्न से करीब 140 किमी दक्षिण-दक्षिण पूर्व में है। जहां लैला न केवल स्कॉट से वरन अपने दो भाइयों से भी मिली।
यहां पहुंचते ही स्कॉट और लैला मिलकर सच्चे अर्थों में पिता-पुत्री बन गए तो अमीना को सभी कुछ मिल गया। इससे पहले दोनों ने काफी समय तक मिलना जुलना जारी रखा। समय के साथ स्कॉट और अमीना का प्रेम परवान चढ़ा और दोनों ही शादी करने की तैयारियां कर रहे हैं। स्कॉट मानते हैं कि इस कहानी से न केवल अमीना के जीवन को एक नई दिशा मिली वरन वे एक और भी जिम्मेदार पिता और पति बनकर सामने आए हैं।