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Last Modified: इस्लामाबाद , शुक्रवार, 21 अगस्त 2015 (22:54 IST)

हुर्रियत के साथ बैठक करने पर अड़ा पाकिस्तान

हुर्रियत के साथ बैठक करने पर अड़ा पाकिस्तान - Sartaj Aziz
इस्लामाबाद। पाकिस्तान ने सख्त रूख अख्तियार करते हुए अपने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) सरताज अजीज और हुर्रियत नेताओं के बीच नई दिल्ली में बैठक नहीं कराने की भारत की सलाह खारिज करते हुए कहा कि वह उनसे बातचीत करने की एक स्थापित परिपाटी को नहीं छोड़ेगा।
 
पाकिस्तान के विदेश सचिव एजाज अहमद चौधरी ने यहां भारतीय उच्चायुक्त टीसीए राघवन को इस बात से अवगत कराया। चौधरी ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि अजीज और उनके भारतीय समकक्ष अजीत डोभाल के बीच वार्ता के लिए कोई पूर्व शर्त पाकिस्तान को स्वीकार्य नहीं होगी।
 
पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है, ‘पाकिस्तानी नेतृत्व ने भारत की अपनी यात्राओं के दौरान हमेशा ही कश्मीर हुर्रियत नेतृत्व से बात की है। पाकिस्तान को अतीत की अपनी इस स्थापित परिपाटी से हटने का कोई कारण नजर नहीं आता।’ प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की अध्यक्षता में यहां असैन्य एवं सैन्य नेतृत्व की एक अहम बैठक के बाद भारतीय सलाह के प्रति पाकिस्तान की प्रतिक्रिया आई है।
 
इससे पहले दिन में नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा था कि पाकिस्तान को कल सलाह दी गई है कि हुर्रियत प्रतिनिधियों से अजीज का मिलना ठीक नहीं होगा। बयान में कहा गया है कि भारत सरकार की सलाह पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए विदेश सचिव ने भारतीय उच्चायुक्त को इस बात से अवगत कराया है कि इस सलाह को स्वीकार करना पाकिस्तान के लिए संभव नहीं होगा। 
 
बयान में कहा गया है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव के मुताबिक कश्मीर एक विवादित क्षेत्र है। यह प्रस्ताव लागू नहीं हुआ है। इसने कहा है कि हुर्रियत नेता पाक के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के सच्चे प्रतिनिधि हैं। कश्मीर विवाद का एक स्थायी हल पाने की कोशिशों में पाकिस्तान उन्हें असली भागीदार मानता है।
 
बयान में कहा गया है कि शर्ते रखने का भारत का आग्रह और वार्ता के लिए एजेंडे को रोकना यह जाहिर करता है कि पाकिस्तान के साथ सार्थक संबंध कायम करने के मामले में भारत के पास गंभीरता का अभाव है।
 
इसने कहा है कि पाकिस्तान बगैर किसी शर्त के अपनी ओर से एनएसए बैठक में शरीक होने को इच्छुक है। बयान में कहा गया है कि पाकिस्तान ने भारत को एक व्यापक एजेंडा प्रस्ताव दिया है, जिसमें उफा में दोनों देशों के नेताओं के बीच उफा में बनी व्यापक सहमति को जाहिर किया गया है, जिसके मुताबिक कश्मीर और अन्य विवाद तथा आतंकवाद के मुद्दे और अन्य विश्वास बहाली उपायों सहित सभी लंबित मुद्दों पर दोनों देशों के बीच चर्चा होगी।
 
आतंकवाद से जुड़े मुद्दों पर पहली बार दोनों राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की 23 अगस्त को नई दिल्ली में वार्ता होने का कार्यक्रम है जैसा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ के बीच रूस के उफा में पिछले महीने हुई बैठक में सहमति बनी थी।
 
नई दिल्ली स्थित पाकिस्तान के उच्चायोग द्वारा कट्टरपंथी नेता सैयद अली शाह गिलानी और उमर फारुक सहित अन्य अलगाववादी नेताओं को रविवार को अजीज से मुलाकात करने के लिए दिए गए न्योते ने भारत को परेशान कर दिया है। पिछले साल इस्लामाबाद में विदेश सचिव स्तर की बैठक की पूर्व संध्या पर यहां पाकिस्तान उच्चायुक्त के कश्मीरी अलगाववादी नेताओं के साथ विचार-विमर्श किए जाने के बाद भारत ने विदेश सचिव स्तर की वार्ता रद्द कर दी थी।
 
सूचना मंत्री परवेज राशिद ने कहा है कि वार्ता के लिए गेंद अब भारत के पाले में है। उन्होंने कहा, ‘हमने गेंद भारत के पाले में डाल दी है।’ हमें देखने दीजिए कि क्या यह हमारे साथ इस मामले में आगे बढ़ते हैं या नहीं। पूर्व विदेश मंत्री एवं पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ के वरिष्ठ नेता शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि ऐसा लगता है कि पाकिस्तान के साथ वार्ता के लिए भारत तैयार नहीं है।
 
उन्होंने मीडिया को बताया कि वह नहीं मानते हैं कि पाकिस्तान ने उफा में हुर्रियत नेताओं के साथ बैठक से दूर रहने का कोई वादा किया था। उन्होंने कहा, ‘भारत वार्ता के लिए तैयार नहीं हैं और इसलिए यह शर्ते रख रहा है।’ उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और भारत के बीच मुद्दों को सुलझाने के लिए वार्ता ही एकमात्र रास्ता है। (भाषा)