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Last Modified: सोमवार, 24 जनवरी 2022 (20:35 IST)

जेल से चिप्स पैकेट में स्पर्म की तस्करी! आतंकी का दावा 101 से ज्यादा बच्चे हुए पैदा

जेल से चिप्स पैकेट में स्पर्म की तस्करी! आतंकी का दावा 101 से ज्यादा बच्चे हुए पैदा - palestinian prisoner claims 4 children born outside while in prison
जेल में हथियारों या फिर अवैध सामान की तस्करी की कई घटनाओं जैसी खबरें तो आपने कई बार सुनी होगी, लेकिन तस्करी को लेकर एक फिलिस्तीनी आतंकवादी के दावे ने सभी को चौंका दिया है। आतंकी का दावा है कि उसने जेल में बंद रहने के दौरान कई बार स्पर्म की तस्करी की थी। इसकसे उसके चार बच्चे भी हो चुके हैं।
 
'डेली स्टार' में छपी एक खबर के मुताबिक आतंकी 15 साल तक जेल में कैद रहा। चिप्स के पैकेट में कई बार अपने स्पर्म की तस्करी की थी। अब आतंकी ने रिहाई के बाद अपने इस दावे से सभी को हैरानी में डाल दिया है ऐसा इसलिए क्योंकि बॉडी से निकलने के बाद स्पर्म ज्यादा देर तक जीवित नहीं रहते। बावजूद इसके उसका दावा है कि बैग में रखकर वह स्पर्म के जेल से बाहर भेजता था।
 
आतंकी का दावा है कि कैंटीन के सामान के जरिए स्पर्म तस्करी का यह धंधा जेल के भीतर चल रहा था। फिलिस्तीनी कैदी अपने परिवार के लिए पांच सामान जेल से बाहर भेज सकते हैं और ऐसे में कैदी कई बार परिवार में अपने बच्चों के लिए खाने-पीने की चीजें और गिफ्ट वगैरह बाहर भेजते हैं।
 
फिलिस्तीनी आतंकी ने दावा किया कि स्पर्म को जमा करने के बाद उन्हें पाउच में कलेक्ट किया जाता था और उसे इस तरह पैक किया जाता ताकि वह खुल नहीं सके। इसके लिए उस पर कुछ खास निशान बनाया जाता था जिसके बारे में पहले ही मुलाकात के दौरान परिवार को जानकारी दी जाती थी। फिलिस्तीनी मीडिया के मुताबिक इस तरकीब से करीब 101 बच्चों ने जन्म लिया है। 
 
ऐसा अजीब दावा करने वाला आतंकी अलअक्स ब्रिगेड का हिस्सा था। इसे मार्च 2021 में रिहा कर दिया गया और एक इंटरव्यू के दौरान उसने यह दावा किया है। इसका उद्देश्य आतंकवादियों को शहीदों के रूप में दर्शाना है। उसने बताया कि स्पर्म स्टोर करने के लिए आलू चिप्स के पैकेट का इस्तेमाल किया जाता था। यह इतनी सावधानी से होता कि जेल अधिकारी या गार्ड्स को इसका पता तक नहीं चल पाया। 
 
मुलाकात पर जाने के दौरान यह पैकेट कैदी के साथ रहते थे और इन्हें उसकी पत्नी या परिजनों के अलावा कोई छूता तक नहीं था। इसके बाद यह पैकेट उन्हें सुपुर्द कर दिया जाता था। आतंकी ने बताया कि हर कोई पैकेट पर अपना नाम या निशाना लगाता था। इसके बाद परिवार का सदस्य इस पैकेट को आईवीएफ क्नीनिक ले जाकर बॉडी में इंसर्ट कराता था।
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