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Last Modified: शुक्रवार, 30 सितम्बर 2016 (16:54 IST)

बढ़ता है तनाव तो पाक में होते हैं हिन्दुओं पर अत्याचार

बढ़ता है तनाव तो पाक में होते हैं हिन्दुओं पर अत्याचार - Pakistan, India, India-Pakistan outraged Hindus
इस्लामाबाद। पाकिस्तान में करीब-करीब 6 दशकों बाद हिन्दू मैरिज एक्ट को पार्लियामेंट के लोअर हाउस ने मंजूरी दे दी है और उम्मीद की जाती है कि पाक संसद के अपर हाउस में यह कानून पास हो सकेगा। इस कानून के पास होने के बाद अल्पसंख्यक हिन्दू लड़कियों के जबरन, अपहरण, धर्मांतरण या मुस्लिमों से विवाह पर रोक लगने की शुरुआत संभव है।
इस तरह के कानून न होने की वजह से हिन्दुओं की बेटियां, और उनके मां-बाप खुद को पूरी तरह से असुरक्षित महसूस करते रहे हैं। पाक की ह्यूमन राइट्स कमीशन चीफ जोहरा यूसुफ ने बताया कि इस बिल के मुताबिक, महिलाओं को तलाक लेने के साथ जबरदस्ती शादी या 18 साल से पहले शादी करने जैसे दबाव के खिलाफ शिकायत करने का हक मिलेगा। पाकिस्तान में हिन्दुओं की आबादी वहां की जनसंख्या का महज 2 फीसदी है। पाकिस्तान में गरीब हिन्दुओं को प्रताड़ित करने के प्रतिवर्ष सैकड़ों और हजारों मामले सामने आते रहे हैं। 
 
अक्सर ही हिन्दू और ईसाई लड़कियों का अपहरण कर लिया जाता है, उनका जबरन धर्म परिवर्तन कराया जाता है और उनका विवाह पाकिस्तानी मुस्लिमों से कर दिया जाता है। ऐसे मामलों में पाकिस्तानी पुलिस, प्रशासन, नेता और प्रभावशाली लोग इन अल्पसंख्यकों का दमन करने में पीछे नहीं रहते हैं। पाकिस्तान में हिन्दू, ईसाई लड़कियों का अपहरण और बलात्कार किया जाता है। 'मूवमेंट फॉर सोलिडेरिटी एंड पीस इन पाकिस्तान' की रिपोर्ट के मुताबिक, पाक में हर साल कम से कम एक हजार अल्पसंख्यक लड़कियों का अपहरण और बलात्कार होता है। बाद में इनका विवाह प्रभावशाली पैसे वाले मुस्लिमों से करा दिया जाता है।
 
खासतौर से जब भारत-पाक के रिश्तों में तनाव बढ़ता है या युद्ध की स्थितियां बनती हैं। या भारत में साम्प्रदायिक दंगे होते हैं, कोई मस्जिद तोड़ दी जाती है तो समूचे पाकिस्तान में हिन्दू लड़कियां असुरक्षित हो जाती हैं, छोटी से छोटी बच्चियों का जबरदस्ती धर्म परिवर्तन करा कर शादी कराई जाती है। 'मूवमेंट फॉर सोलिडेरिटी एंड पीस इन पाकिस्तान' की रिपोर्ट के मुताबिक, पाक में हर साल ऐसे सैकड़ों उदाहरण देखने को मिलते हैं। ह्यूमन राइट्स कमीशन चीफ जोहरा यूसुफ के मुताबिक, वहां हिंदू लड़कियों की स्थिति दयनीय है।
 
पाकिस्तान में हिंदू वर्कर्स की बेरहमी से पिटाई की जाती है। कई बार तो उन्हें इस कदर मारा जाता है कि उनकी मौत हो जाती है। नवंबर 2011 में तीन डॉक्टर्स की हत्या कर दी गई थी। पानो अकील, सक्खर के लीडर डॉ. हरी लाल ने बताया कि हमारे मजदूर यहां सुरक्षित नहीं हैं। आए दिन उनके साथ मारपीट की जाती है। जिसके पास भी थोड़ा पैसा है तो उसे लूट लिया जाता है या फिर फिरौती के लिए उसका अपहरण कर लिया जाता है।
 
पाक स्कूलों में हिंदुओं के खिलाफ नफरत का पाठ पढ़ाया जाता है। 'यूएस कमीशन ऑन इंटरनेशनल रिलीजियस फ्रीडम' ने 2014 में इस मामले पर एक रिपोर्ट भी जारी की थी। उस वक्त इसके चेयरमैन लियोनार्ड लियो ने कहा था कि पाक की किताबों में नफरत फैलाने वाली कई चीजें पढ़ाई जा रही हैं। पाकिस्तान में हिंदू होने का अर्थ है कि आप जीते जी नर्क भोग रहे हैं। 
 
आपको कोई नौकरी, लोन या किसी प्रकार की सुविधाएं नहीं मिलती हैं। अगर आप कारोबार या कोई धंधा करते हैं तो पाकिस्तानी मुस्लिम एक साथ मिलकर कोशिश करते हैं कि हिन्दुओं का कारोबार भी तबाह हो जाए। 1999 में यूएन ने भी माना था कि पाकिस्तान में भेदभाव होता है लेकिन यह स्थिति अकेले पाकिस्तान की नहीं है, वरन दुनिया में जितने भी गैर-मुस्लिम हैं, उन्हें मुस्लिम देशों में इसी तरह के पक्षपात का सरकारी, गैर-सरकारी स्तर से लेकर सामाजिक स्तर पर सामना करना होता है।
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