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Last Updated : शनिवार, 24 जुलाई 2021 (17:34 IST)

एनएसओ का दावा, पेगासस जैसी प्रौद्योगिकी के कारण लाखों लोग सुरक्षित हैं व चैन की नींद सो पाते हैं

एनएसओ का दावा, पेगासस जैसी प्रौद्योगिकी के कारण लाखों लोग सुरक्षित हैं व चैन की नींद सो पाते हैं | Pegasus
मु्ख्य बिंदु
  • एनएसओ का पेगासस को लेकर दावा
  • साइबर सुरक्षा कंपनी एनएसओ
  • कंपनी अपने रुख पर बरकरार
यरुशलम। निगरानी सॉफ्टवेयर पेगासस को लेकर विवादों के बीच इसराइल की साइबर सुरक्षा कंपनी एनएसओ ग्रुप ने अपना बचाव करते हुए दावा किया है कि खुफिया और कानून लागू करने वाली एजेंसियों को प्रौद्योगिकी उपलब्ध कराने के कारण दुनिया में लाखों लोग रात में चैन की नींद सो पाते हैं और सुरक्षित हैं।
 
कंपनी ने यह भी कहा कि वह तकनीक का संचालन नहीं करती है और न ही उसके पास अपने ग्राहकों द्वारा एकत्र किए गए डेटा तक पहुंच है। भारत समेत कई देशों में पत्रकारों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, नेताओं और अन्य लोगों की जासूसी करने के लिए पेगासस सॉफ्टवेयर के कथित इस्तेमाल ने गोपनीयता से संबंधित मुद्दों पर चिंता पैदा कर दी है। अंतरराष्ट्रीय मीडिया संघ के मुताबिक इसराइली कंपनी द्वारा विभिन्न सरकारों को बेचे गए स्पाईवेयर के जरिए नेताओं, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और पत्रकारों समेत अन्य लोगों को निशाना बनाया गया।

 
एनएसओ के एक प्रवक्ता ने दावा किया कि पेगासस और ऐसी अन्य तकनीक के कारण ही दुनिया में लाखों लोग रात को चैन की नींद सो पाते हैं और सड़कों पर सुरक्षित निकल पाते हैं। इस तरह की प्रौद्योगिकी से खुफिया और कानून लागू करने वाली एजेंसियां इनक्रिप्टेड ऐप के तहत छिपाई गई सूचनाओं का पता लगाकर अपराध, आतंकवादी घटनाओं को रोक पाती हैं।
 
कंपनी ने कहा कि दुनिया में कई अन्य साइबर खुफिया कंपनियों के साथ एनएसओ सरकारों को साइबर सुरक्षा उपकरण मुहैया कराती है क्योंकि कानून लागू करने वाली एजेंसियों के पास पुख्ता प्रणाली नहीं होती और मैसेजिंग तथा सोशल मीडिया पर संदिग्ध विषयवस्तु की निगरानी के लिए नियामकीय समाधान नहीं हैं।
 
दुनियाभर में जारी इस जासूसी सॉफ्टवेयर पर विवाद पर प्रवक्ता ने कहा कि एनएसओ तकनीक का संचालन नहीं करती है और न ही हमारे पास एकत्र किए गए डेटा को देखने की सुविधा है।उन्होंने कहा कि हम एक सुरक्षित दुनिया बनाने में मदद करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। सॉफ्टवेयर के दुरुपयोग को लेकर पहली बार भारत में यह मुद्दा सामने आने पर एनएसओ ने अक्टूबर 2019 में एक लिखित जवाब में कहा था कि अनुबंध के तहत गंभीर अपराध और आतंकवाद को रोकने के सिवा किसी अन्य मामले में हमारे उत्पाद के इस्तेमाल पर निषेध है।
 
कंपनी ने कहा था, यदि हमें (सॉफ्टवेयर के) किसी दुरुपयोग का पता चलता है तो हम कार्रवाई करते हैं। यह तकनीक मानव अधिकारों की सुरक्षा में निहित है। इसमें जीवन का अधिकार, सुरक्षा और अखंडता शामिल है। हमने व्यापार और मानवाधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र के मार्गदर्शक सिद्धांतों को मानने की मांग की है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि हमारे उत्पाद सभी मौलिक मानवाधिकारों का सम्मान करे। कंपनी ने कहा कि यह रुख आज भी बरकरार है।
 
भारत को सॉफ्टवेयर बेचे जाने की पुष्टि या खंडन किए बिना कंपनी ने कहा था कि उसके उत्पादों को सरकारी खुफिया और कानून लागू करने वाली एजेंसियों को लाइसेंस पर दिया जाता है, जिसका एकमात्र उद्देश्य आतंक और गंभीर अपराध को रोकना और जांच करना है।(भाषा)