गुरुवार, 25 अप्रैल 2024
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कौन हैं ‘जैक मा’ जो ‘चीनी’ सरकार की आलोचना के बाद रहस्‍यमय तरीके से ‘गायब’ हैं

कौन हैं ‘जैक मा’ जो ‘चीनी’ सरकार की आलोचना के बाद रहस्‍यमय तरीके से ‘गायब’ हैं - Jack Ma
चीन के कारोबारी जैक मा अक्सर सार्वजनिक कार्यक्रमों में बतौर वक्ता अपनी मौजूदगी दर्ज करवाते रहे हैं। वे अपने मोटिवेशनल भाषणों के लिए भी युवाओं में काफी लोकप्रिय हैं। अक्‍सर किसी न किसी आयोजन में नजर आ ही जाते थे, लेकिन पिछले करीब दो महीनों से वे रहस्‍यमय तरीके से गायब हैं। यह पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बना हुआ है।

खबरों के मुताबिक चीनी सरकार खासकर राष्ट्रपति शी जिनपिंग की नाराजगी के बाद से ही वे सार्वजनिक जीवन में नजर नहीं आ रहे हैं। इतना ही नहीं, जैक मा का कारोबारी साम्राज्य भी सरकार के निशाने पर है।

बता दें कि जैक मा ने चीन के बैंकिंग सिस्टम की आलोचना करते हुए उसे पुराना और घिसापिटा करार दिया था। जैक मा ने बीते अक्टूबर में चीन के सरकारी बैंकों पर 'सूदखोर सेठों' जैसा व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए कहा कि वो सिर्फ उन्हीं को लोन देते हैं जो बदले में कुछ गिरवी रखें। इसके बाद वे आलोचनाओं के घेरे में आ गए थे। खबरों के मुताबिक, जैक मा की इस राय पर कम्युनिस्ट पार्टी और सरकारी अधिकारियों ने कड़ी आपत्ति दर्ज की थी।

ऐसे में यह जानना जरूरी है कि आखि‍र जैक मा है कौन? 

जैक मा जन्म 10 सितम्बर, 1964 को चीन के एक छोटे से गांव हन्ग्ज़्हौ में पैदा हुए थे। जैक मा के माता पिता पारंपरिक गाने गा और बजा कर काम किया करते था। उन्‍हें बचपन से ही अंग्रेजी सिखने की बहुत ललक थी, इसलिए वो एक ऐसी होटल में साइ‍किल से चले जाते थे जहां बड़े-बड़े विदेशी नागरिक आते थे। वे उन लोगों से मिलकर टूटी-फूटी अंग्रेजी में बात किया करते थे।

हालांकि चीन में अंग्रेजी भाषा को ज़रूरी नहीं माना जाता है, लेकिन जब जैक मा ने अच्छी अंग्रेजी बोलना सिख लिया तो उन्‍हें एक टूरिस्ट गाइड का काम मिल गया। उन्‍होंने करीब 9 साल तक यह काम किया। बाद में वे अंग्रेजी के टीचर भी बन गए।

जैक मा का असली नाम मा यूं था, लेकिन चीनी भाषा में इसका उच्‍चारण बहुत मुश्किल था, इसलिए एक विदेशी दोस्‍त ने उनका नाम जैक मा रख दिया।

बताया जाता है कि जैक मा ने करीब 30 से ज्यादा नौकरियां कीं। लेकिन वे हर जगह नाकाम रहे। उन्होंने एक बार पुलिस की नौकरी के लिए कोशिश की, लेकिन उन्हें देखते ही मना कर दिया जाता था।

जब उनके शहर में केएफसी खुला तो उन्‍होंने भी इसके लिए अप्‍लाय किया, लेकिन वहां जो 24 लोग नौकरी के लिए गए थे उनमें से 23 लोगों को नौकरी मिल गई, लेकिन एक मात्र उन्हें ही नहीं रखा गया।

जैक मा ने 1994 में पहली बार इन्टरनेट के बारे में सुना। वे 1995 में अपने दोस्तों की मदद से इन्टरनेट के बारे में जानने के लिए अमरीका गए थे। अमरीका में उन्होंने पहली बार इन्टरनेट देखा और चलाया।

इस दौरान उन्‍होंने वहां बीयर शब्‍द खोजा, लेकिन इसके बारे में इन्टरनेट पर चीनी भाषा में कोई जानकारी नहीं थी। यहीं से उनके दिमाग में एक आईडिया आया। उन्‍होंने अपने देश चीन के बारे में भी सर्च किया लेकिन अपने देश के बारे में कोई जानकारी नहीं मिलने पर वे बहुत दुखी हुए।

इसके बाद उन्‍होंने अमरीकी मित्र ने मिलकर चीन की जानकारी से भरा हुआ अपना एक पहला वेबसाइट बनाई। कुछ ही देर में उन्‍हें कई ईमेल मिल गए। इससे जैक मा को इन्टरनेट की ताकत का पता चला।

साल 1995 में जैक एक वेबसाइट बनाने की कंपनी शुरू की थी जिसका नाम उन्होंने चाइना येलो पेज रखा। तीन साल में कंपनी को 3 लाख $ का मुनाफा हुआ।

उस समय इन्टरनेट स्पीड इतनी स्लो थी कि आधा पेज बनाने में साढे 3 घंटे लग जाते थे। जैक मा ने अपने 33 साल की उम्र में अपना पहला कंप्यूटर ख़रीदा था।

एक दिन वे अपना सारा काम छोड़कर अपने 17 दोस्तों की टीम के साथ दोबारा अपने जन्म स्थान Hangzhou लौट आये।

यहां उन्‍होंने अलीबाबा की शुरुआत की। एक वक्‍त के बाद अलीबाबा ग्रुप ने पूरी दुनिया में अपना नाम कमाया और करीब  240 देशों से भी ज्यादा देशों में इसका कारोबार शुरू हो गया। सितम्बर 2014  तक अलीबाबा कंपनी ने न्‍यूयॉर्क स्‍टॉक एक्‍सचेंज के अनुसार 25  बि‍लियन की कंपनी खड़ी कर दी जो एक बहुत बड़ी सफलता थी। 10 सितम्बर 2017  में फोर्ब्‍स की रिपोर्ट के अनुसार जैक मा 17वें की कुल कमाई 37.6 बि‍लियन यूएस डॉलर है। 2017 की रिपोर्ट   के अनुसार आज इस कंपनी 50 हजार से ज्‍यादा लोग काम कर रहे हैं।