बांग्लादेश में जुलूस पर आईएस का हमला
ढाका। राजधानी ढाका में सालाना आशुरा के लिए एकत्र हुए अल्पसंख्यक शिया समुदाय के हजारों लोगों के जुलूस पर किए गए बम हमले में 12 साल के एक लड़के की मौत हो गई और लगभग 90 लोग घायल हो गए। बांग्लादेश में एक महीने के अंदर हुआ यह तीसरा हमला है जिसकी जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट ने ली है।
इन विस्फोटों से कुछ सप्ताह पहले ही एक इतालवी सहायताकर्मी और एक जापानी नागरिक की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जिसकी जिम्मेदारी आईएस ने ली थी।
पुलिस और प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि हुसैनी दालान में 20 हजार से ज्यादा लोगों के जुलूस पर रात लगभग डेढ़ बजे तीन बम फेंके गए। हुसैनी दालान शिया समुदाय के लिए 17वीं सदी का महत्वपूर्ण अध्ययनकेंद्र है। हमले के कुछ घंटे बाद अमेरिका स्थित साइट खुफिया संगठन ने बताया कि आईएस ने हमले की जिम्मेदारी ली है।
हालांकि, बांग्लादेश पुलिस ने शुरू में संदेह जताया था कि इन विस्फोटों को देशी संगठनों ने अस्थिरता पैदा करने के लिए अंजाम दिया है।
गृहमंत्री असदुज्ज्मां खान कमाल द्वारा हमले के तार इस्लामिक स्टेट से जुड़े होने की आशंका से इनकार के बीच आतंकी संगठन ने यह दावा किया है।
कमाल ने कहा था, 'यह आतंकवादी हमला नहीं है बल्कि यह एक नियोजित और विध्वंसकारी हमला है जिसका लक्ष्य सिर्फ देश के हालात को अस्थिर करना है।'
उन्होंने कहा कि स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय गिरोह देश को अस्थिर करने और लोगों के बीच दहशत पैदा करने की साजिश रचने के लक्ष्य में शामिल हैं।
एक पुलिस प्रवक्ता ने कहा कि अब तक हमने आईएस का कोई तार या किसी इस्लामवदी आतंकी संगठन की संलिप्तता हुसैनी दालान विस्फोटों में नहीं पाई है।
एक पुलिस अधिकारी ने कहा, 'एक बम लगभग 12 साल के एक लड़के पर जाकर गिरा और उसकी फौरन ही मौत हो गई।' दो बड़े सरकारी अस्पतालों के चिकित्सकों ने बताया कि अधिकतर घायल लोग अब खतरे से बाहर हैं।
बम विस्फोटों के साथ ही भीड़ में अफरा-तफरी फैल गई। लोग खुद को बचाने के लिए प्राचीन ढाका की संकरी गलियों में भागने लगे, जिसके कारण उन्हें और अधिक चोटें लगी। (भाषा)