शुक्रवार, 29 मार्च 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. अंतरराष्ट्रीय
  4. Imran Khan said, will complete the China-Pakistan Economic Corridor at all costs
Written By
Last Updated : शनिवार, 4 जुलाई 2020 (18:52 IST)

हर कीमत पर चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे को पूरा करेंगे : इमरान खान

हर कीमत पर चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे को पूरा करेंगे : इमरान खान - Imran Khan said, will complete the China-Pakistan Economic Corridor at all costs
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने शुक्रवार को कहा कि उनकी सरकार महत्वाकांक्षी चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) को किसी भी कीमत पर पूरा करेगी। उन्होंने कहा कि 60 अरब डॉलर की यह परियोजना 2 देशों की सदाबहार दोस्ती की प्रतीक है।

स्थानीय अखबार डॉन की एक खबर के अनुसार, खान ने सीपीईसी परियोजना की प्रगति की समीक्षा के लिए यहां आयोजित एक बैठक में कहा कि यह पाकिस्तान के आर्थिक व सामाजिक विकास के लिए शानदार परियोजना है। उन्होंने कहा कि यह विशाल व बहुआयामी मुहिम पाकिस्तान के उज्ज्वल भविष्य की गारंटी है।

खान ने सीपीईसी प्राधिकरण के प्रदर्शन की सराहना करते हुए कहा कि इसकी कार्यशैली और दक्षता बढ़ाने के लिए उपाय करने की जरूरत है। उन्होंने कहा, यह गलियारा पाकिस्तान तथा चीन की दोस्ती का प्रतीक है और मेरी सरकार इसे किसी भी कीमत पर पूरा करेगी व पाकिस्तान के हर नागरिक तक इसके फायदे पहुंचाएगी।

खान का यह बयान ऐसे समय आया है जब चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने एक ही दिन पहले पाकिस्तान के अपने समकक्ष शाह महमूद कुरैशी के साथ फोन पर हुई बातचीत में सीपीईसी परियोजना के बारे में चर्चा की थी।

वांग ने पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए सीपीईसी की परियोजनाओं को तेज करने की जरूरत पर बल दिया था। उन्होंने यह भी उम्मीद व्यक्त की थी कि पाकिस्तान की सरकार वहां काम कर रही चीन की कंपनियों व चीन के लोगों को बेहतर सुरक्षा मुहैया कराएगी।

सीपीईसी पाकिस्तान के बलूचिस्तान में स्थित ग्वादर बंदरगाह को चीन के शिनजियांग प्रांत से जोड़ता है। यह चीन की कई अरब डॉलर की महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) की प्रमुख परियोजना है।

चीन के एक अधिकारी ने पिछले महीने स्वीकार किया था कि बीआरआई के तहत अधिकांश परियोजनाएं कोरोनावायरस महामारी से प्रभावित हुई हैं।
सीपीईसी पाकिस्तान के कब्जे वाली कश्मीर से होकर गुजरता है। इस कारण भारत शुरुआत से ही इस परियोजना का विरोध करता आया है।(भाषा)