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Last Updated : बुधवार, 18 अगस्त 2021 (16:11 IST)

ट्रंप का बड़ा बयान, अमेरिका के इतिहास की सबसे बड़ी शर्मिंदगी, अफगान सैनिकों को ‘रिश्वत’ की तरह दिया भरपूर धन

ट्रंप का बड़ा बयान, अमेरिका के इतिहास की सबसे बड़ी शर्मिंदगी, अफगान सैनिकों को ‘रिश्वत’ की तरह दिया भरपूर धन - EX US President on Afghanistan crises
मॉस्को। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अमेरिका ने अफगान सैनिकों को लड़ने के लिए बहुत अधिक धन का भुगतान किया, लिहाजा जब अमेरिकी सुरक्षा बलों की अफगानिस्तान से वापसी हुई, तो स्थानीय सैनिकों ने लड़ना बंद कर दिया। उन्होंने अमेरिकी सुरक्षा बलों की वापसी को अमेरिकी इतिहास की सबसे बड़ी शर्मिंदगी करार दिया।
 
ट्रंप ने फॉक्स न्यूज के सीन हैनिटी के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि मुझे बहुत से अलग-अलग लोगों से कुछ बहुत ही बुरी जानकारियां मिली हैं। सच्चाई यह है कि वे दुनिया में सबसे अधिक वेतन पाने वाले सैनिकों में से हैं। वे तनख्वाह के लिए यह सब कर रहे थे, क्योंकि एक बार जब हम रुक गए, एक बार जब हम चले गए, तो उन्होंने भी लड़ना बंद कर दिया। हर कोई बहादुर है, लेकिन सच यह है कि हमारा देश अफगानिस्तानी सैनिकों को भरपूर धन दे रहा था, इसलिए हम एक तरह से उन्हें लड़ने के लिए रिश्वत दे रहे थे।
 
उन्होंने कहा कि यह बहुत अच्छी बात है कि हम अफगानिस्तान से बाहर निकल रहे हैं, लेकिन सुरक्षा बलों की वापसी को अब तक किसी ने भी राष्ट्रपति जो बिडेन जैसे खराब तरीके से नहीं संभाला होगा। मेरा मानना है कि यह हमारे देश के इतिहास की सबसे बड़ी शर्मिंदगी है।
 
पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि हम अफगानिस्तान में सालाना 42 अरब डॉलर खर्च कर रहे थे। इसके बारे में सोचें, 42 अरब डॉलर। मैं समझता हूं कि रूस अपनी पूरी सेना के लिए सालाना 50 अरब डॉलर खर्च करता है और हम अफगानिस्तान में 42 अरब डॉलर खर्च कर रहे थे। और बदले में हमें कुछ नहीं मिला।
 
गौरतलब है कि 15 अगस्त को तालिबान ने अफगानिस्तान पर पूरी तरह कब्जा कर लिया। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने इस्तीफे की घोषणा की ओर देश छोड़ दिया।
 
गनी ने कहा कि उन्होंने हिंसा को रोकने के लिए यह निर्णय लिया क्योंकि आतंकवादी राजधानी काबुल पर हमला करने के लिए तैयार थे। इन घटनाओं के बाद अधिकांश देशों ने मध्य एशियाई देश में अपने राजनयिक मिशनों को कम या खाली कर दिया है।