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Last Modified: वॉशिंगटन , गुरुवार, 17 मार्च 2016 (17:17 IST)

पृथ्वी पर जीवन की शुरुआत के लिए अहम था चुंबकीय क्षेत्र

पृथ्वी पर जीवन की शुरुआत के लिए अहम था चुंबकीय क्षेत्र - Earth, life, Magnetic field, study
वॉशिंगटन। पृथ्वी पर जीवन की शुरुआत के लिए केवल चट्टानी सतह, जल और आवरण वाला वातावरण ही जरूरी नहीं था, बल्कि इसमें सुरक्षात्मक चुंबकीय क्षेत्र की भूमिका भी अहम रही।
 
सूर्य से मिलते-जुलते तारे काप्पा सेती के अध्ययन से यह पता चलता है कि एक ग्रह को जीवन के अनुकूल बनाने में चुंबकीय क्षेत्र की भूमिका भी महत्वपूर्ण होती है।
 
अमेरिका के हार्वर्ड-स्मिथसोनियन सेंटर फॉर एस्ट्रोफिजिक्स (सीएफए) और ब्राजील के रियो ग्रांडे डो नोर्ट विश्वविद्यालय के जोस डायस ने कहा, ‘लोगों के रहने योग्य परिस्थितियों के लिए एक ग्रह को उष्मा, जल और एक नए और प्रचंड ऊर्जा वाले सूर्य की आवश्यकता होती है।’ काप्पा सेती सूर्य से बहुत हद तक मिलता-जुलता है लेकिन वह अपेक्षाकृत रूप से नया है।
 
दल की गणना के अनुसार नये तारे की आयु केवल 40-60 करोड़ वर्ष है। अनुसंधानकर्ताओं ने कहा है कि काप्पा सेती के अध्ययन के निष्कर्ष से हमारे सौरमंडल की शुरुआत के संकेत मिलते हैं।
 
इतने ही वर्ष पुराने अन्य तारों की तरह काप्पा सेती भी चुंबकीय रूप में बहुत अधिक सक्रिय है। अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि इस तारे की हवा सौर पवन से 50 गुना अधिक ताकतवर है।
 
उन्होंने कहा कि कोई ग्रह अगर चुंबकीय क्षेत्र से घिरा हुआ नहीं हो तो इतनी शक्ति की हवा किसी भी ग्रह के रहने योग्य क्षेत्र को बहुत अधिक नुकसान पहुंचाएगी।
 
सबसे चरम स्थिति में चुंबकीय क्षेत्र के बिना कोई ग्रह अपने वातावरण का अधिकतर हिस्सा खो देगा। हमारे सौर मंडल में मंगल ग्रह को इस स्थिति का सामना करना पड़ा और वह अब बिल्कुल ठंडे और सूखे रेगिस्तान के रूप में बदल गया है। (भाषा)