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Last Updated : शुक्रवार, 21 जून 2019 (12:52 IST)

क्या अमेरिकी चुनाव से पहले होगा अमेरिका-ईरान युद्ध, चरम पर तनाव

क्या अमेरिकी चुनाव से पहले होगा अमेरिका-ईरान युद्ध, चरम पर तनाव - Are America Iran ready for war before US election
वॉशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ईरान के खिलाफ युद्ध का प्रोपेगेंडा फैला देश को एकजुट कर 2020 का राष्ट्रपति चुनाव जीतने के लिए अपनी दावेदारी को मजबूत कर सकते हैं। ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गॉर्ड्स कॉर्प्स (आईआरजीसी) ने दावा किया है कि उसने गुरुवार को एक अमेरिकी खुफिया ड्रोन विमान को मार गिराया है। इस घटना के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है।
 
ट्रंप ने ट्वीट कर दी ईरान को चेतावनी : ट्रंप ने अमेरिका के खुफिया ड्रोन विमान को मार गिराने के ईरान के दावे के बाद ट्वीट किया था, ईरान ने बहुत बड़ी गलती कर दी है। अमेरिकी राष्ट्रपति के इस ट्वीट को ईरान को चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है। अमेरिकी खुफिया ड्रोन की पहचान आरक्यू-4 ग्लोबल हॉक के रूप में की गई है। आरक्यू-4 आमतौर पर अधिक ऊंचाई पर उड़ान भरता है।
 
चुनाव में आसान नहीं है ट्रंप की राह : ट्रंप ने मंगलवार को फ्लोरिडा के ऑरलैंडो में एक विशाल रैली कर वर्ष 2020 में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपने प्रचार अभियान की शुरुआत की। उन्होंने करीब 20 हजार लोगों को संबोधित करते हुए कहा, मैं आज रात से अपने दूसरे कार्यकाल के आधिकारिक चुनाव प्रचार के लिए आपके सामने खड़ा हूं। ट्रंप ने देश की अर्थव्यवस्था, आव्रजन नीतियों और व्यापार दृष्टिकोण और संघीय अदालतों के पुनर्निर्माण के प्रयासों सहित कई मुद्दों का अपने भाषण में जिक्र किया। विशेषज्ञों के मुताबिक ट्रंप के सामने कई चुनौतियां हैं, जिससे निपटना उनके लिए आसान नहीं होगा।
 
तेल टैंकरों में धमाके, अमेरिका ने ईरान को माना जिम्मेदार : ओमान की खाड़ी में पिछले गुरुवार को होरमुज जलडमरूमध्य के नजदीक 2 तेल टैंकरों अल्टेयर और कोकुका करेजियस में विस्फोट किया गया था। ईरान और अरब के खाड़ी देशों के जल क्षेत्र में हुए इस हादसे के कारणों का अभी तक पता नहीं चल सका है। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने इसके लिए ईरान को जिम्मेदार ठहराया है।
 
पोम्पियो के मुताबिक, अमेरिका ने खुफिया जानकारी के आधार पर ये आरोप लगाए हैं। अमेरिकी सेना ने अपने दावे के पक्ष में एक वीडियो जारी किया है, जिसमें ईरानी सुरक्षाबल एक टैंकर से विस्फोटक हटाते हुए दिख रहे हैं। ब्रिटेन के विदेश मंत्रालय ने ईरानी सेना के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्‍स को ओमान की खाड़ी में तेल के टैंकरों पर हमले के लिए जिम्मेदार ठहराया है।
 
मामले पर क्या बोला ईरान : ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जावेद जरीफ ने कहा है कि अमेरिका, इजराइल और सऊदी अरब उसके खिलाफ अभियान चलाकर तेल टैंकरों पर हुए हमलों के झूठे आरोप लगाने का प्रयास कर रहे हैं। रूस के उप विदेश मंत्री सर्गेई रयाबकोव ने जांच से पूर्व ईरान पर आरोप लगाने वाले देशों को चेतावनी दी है।
 
क्यों तल्ख हुए दोनों देशों के संबंध : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गत वर्ष मई में ईरान परमाणु समझौते से अपने देश के अलग होने की घोषणा की थी। इसके बाद से ही दोनों देशों के रिश्ते बहुत ही तल्ख हो गए हैं। इस परमाणु समझौते के प्रावधानों को लागू करने को लेकर भी संशय की स्थिति बनी हुई है।
 
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2015 में ईरान ने अमेरिका, चीन, रूस, जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। समझौते के तहत ईरान ने उस पर लगे आर्थिक प्रतिबंधों को हटाने के बदले अपने परमाणु कार्यक्रम को सीमित करने पर सहमति जताई थी। (वार्ता)
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