Last Updated :काहिरा , बुधवार, 1 अक्टूबर 2014 (14:45 IST)
अब भी जवाँ है पुराने सामान का बाजार
आधुनिक टेक्नॉलॉजी के इस दौर में जब लोग नई तकनीक आते ही पुरानी को दरकिनार कर देते हैं मिस्र के लोग ऐसी पुरानी तकनीकों से ही काम चला रहे हैं और इस धंधे ने हजारों इलेक्ट्रिक मैकेनिकों के परिवार चलाने का जिम्मा ले रखा है।
इन लोगों के पास पुराने जमाने के टेलीफोन से लेकर मोबाइल, सीडी प्लेयर का अच्छा खासा संग्रह है और वे उन साजो सामान की रिपेयरिंग करके बेचते भी हैं।
काइरो की अल-अतर जैसी सबसे व्यस्त सड़क पर छोटी-छोटी अनेक इलेक्ट्रिक रिपेयरिंग की दुकान नजर आ जाएँगी। ये लोग पाँच डॉलर में हर चीज सुधार देते हैं। चाहे वह पुराना रेडियो हो या फिर डीवीडी प्लेयर। यही इनके घर चलाने का जरिया भी है।
दुनिया के लगभग सभी विकसित और विकासशील देशों में नई तकनीक का इस्तेमाल जोरों पर हो रहा है ऐसे में मिस्र के लोग लगभग हर चीज का दोबारा उपयोग कर लेते हैं।
कारण यह कि यहाँ के लोगों में एक चीज खराब होने पर दूसरी नई चीजों का खर्चा वहन करने की क्षमता नहीं है। इसलिए अधिकांश लोग या तो अपने ही सामान को रिपेयर करवा लेते हैं या फिर उसके बदले सेकंड हैंड खरीद लेते हैं। यही कारण है कि मिस्र में इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों का मार्केट दुनिया में शायद सबसे छोटा है।
87 साल पुराना फोन : काइरो की अल अतर स्ट्रीट पर एक दुकान ऐसी भी है, जहाँ सौ साल से भी ज्यादा पुराने टेलीफोन व अन्य सामान मिल जाएँगे। इस दुकान के मालिक हैं हसल अल तुर्की। वे कहते हैं कि उनकी दुकान की अलमारियों में टेलीफोन भरे प़ड़े हैं।
कुछ मॉडल सौ साल से भी ज्यादा पुराने हैं, लेकिन उन्होंने 1920 का इरिक्सन ब्लैक मॉडल बहुत संभालकर रखा है। यह फोन उनके पिता को इंग्लैंड से आए एक व्यापारी ने बतौर इनाम दिया था। वे कहते हैं कि उनके पिता भी इसी दुकान पर बैठकर काम करते थे। उनकी दुकान 80 साल पुरानी है।
गरीबी ज्यादा है : अमेरिकन यूनिवर्सिटी के मैकेनिकल इंजीनियर सालेह अल हैगर कहते हैं कि विश्व बैंक के मुताबिक मिस्र की 76.5 मिलियन जनसंख्या में से 20 प्रतिशत से भी ज्यादा गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहे हैं। ऐसे में नई चीजें खरीदना उनके लिए सपना ही है। इसलिए ज्यादातर लोग सेकंड हैंड चीजों का इस्तेमाल ही करते हैं। (नईदुनिया)