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Written By भाषा
Last Modified: बीजिंग , गुरुवार, 27 मार्च 2014 (20:03 IST)

'चिंडिया' अभी भी आकर्षक विचार : जयराम रमेश

''चिंडिया'' अभी भी आकर्षक विचार : जयराम रमेश -
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बीजिंग। चीन और भारत की संयुक्त वृद्धि को जाहिर करने वाला 'चिंडिया' अभी भी जीवंत और आकर्षक विचार है लेकिन यह तभी वास्तविकता बन सकता है जबकि दोनों देश एक-दूसरे के प्रति संदेह मिटाएं और परस्पर भागीदारी निभाएं। यह बात ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने कही। उन्होंने चाइना-इंडिया को परस्पर मिलकर काम करने के लिए 'चिंडिया' शब्द गढ़ा है।

रमेश ने चीन के सरकारी अखबार 'ग्लोबल टाइम्स' से कहा 10 साल पहले मैंने चिंडिया की अवधारणा का प्रस्ताव रखा था और इसका विचार यह था कि भारत और चीन चुनौतियों से निपटने के लिए सहयोग कर सकते हैं और मिलकर काम कर सकते हैं।

उन्होंने कहा निस्संदेह, कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जिनमें दोनों देश प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं लेकिन प्रतिस्पर्धा को उचित रूप से भी लिया जा सकता है। इसका मतलब आवश्यक तौर पर यह नहीं कि संघर्ष या मुकाबला किया जाए। पाकिस्तान के साथ चीन के गहरे संबंध पर भारत की चिंता और इधर भारत के जापान से गहराते संबंधों का हवाला देते हुए रमेश ने कहा कि दोनों को आपसी संदेह की स्थिति से उबरना चाहिए।

उन्होंने जापान के प्रधानमंत्री शिंजो एबे की हालिया भारत यात्रा पर चीन की चिंता का हवाला देते हुए कहा फिलहाल ऐसा लगता है कि भारत और चीन दोनों को चिंता है कि वे जो कदम उठा रहे हैं वह एक-दूसरे पक्ष के खिलाफ हैं। (भाषा)