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12 अगस्त : भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक और वैज्ञानिक विक्रम साराभाई का जन्म

12 अगस्त : भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक और वैज्ञानिक विक्रम साराभाई का जन्म - dr. vikram sarabhai  birth  anniversary
भारत को अंतरिक्ष तक पहुंचाने वाले जनक और वैज्ञानिक विक्रम साराभाई का 12 अगस्‍त 1919 को अहमदाबाद में जन्‍म हुआ था। विज्ञान में उन्‍हें अत्‍यधिक रूचि थी। उनके द्वारा अंतरिक्ष को लेकर दिए गए योगदान को  आज तक यादा किया जाता है। वह भारतीय अंतरिक्ष के जनक के रूप में जाने जाते हैं। भारत ने अंतरिक्ष को लेकर जो भी हासिल किया उसके पीछे विक्रम साराभाई का बहुत बड़ा योगदान है। आज वैज्ञानिक कई कार्य उनके नाम से करती हैं। विक्रम साराभाई के स्‍म़ति में अंतरराष्‍ट्रीय खगोल संघ ने साल 1974 में अंतरिक्ष में 'सी ऑफ सेरनिटी' पर स्थित बेसल नामक मून क्रेटर को साराभाई क्रेटर नाम दिया था। वह बहुत साधारण इंसान थे। जो भी उनसे मिलता था वह जरूर प्रभावित हो जाता था। इसरो ने भी चंद्रयान दो लैंडर का नाम बदलकर विक्रम रखा था।  
 
विक्रम साराभाई ने मात्र 28 वर्ष की आयु में भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला की स्‍थापना की थी। यह उनका पहला कदम था। इसमें उन्‍होंने 1966 से 1971 तक पीआरएल की सेवा की थी। डॉ विक्रम साराभाई का उच्‍च शिक्षा में भी योगदान रहा है। अहमदाबाद में अन्‍य उद्योगपतियों के साथ मिलकर उन्‍होंने इंडियन इंस्‍टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, अहमदाबाद की स्‍थापना की है। यह इंस्‍टीट्यूट आज देश के टॉप इंस्‍टीट्यूट में शुमार है। इसके अलावा भी विक्रम साराभाई ने अन्‍य संस्‍थान और लैब की स्‍थापना की हैं। 
 
1.भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला (पीआरएल), अहमदाबाद
2.इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट (आईआईएम), अहमदाबाद
3.कम्यूनिटी साइंस सेंटर, अहमदाबाद
4.दर्पण अकाडेमी फ़ॉर परफ़ार्मिंग आर्ट्स, अहमदाबाद 
5.विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र, तिरुवनंतपुरम
6.स्पेस अप्लीकेशन्स सेंटर, अहमदाबाद 
7.फ़ास्टर ब्रीडर टेस्ट रिएक्टर (एफ़बीटीआर), कल्पकम
8.वेरिएबल एनर्जी साइक्लोट्रॉन प्रॉजेक्ट, कोलकाता
9.इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ऑफ़ इंडिया लिमिटेड(ईसीआईएल), हैदराबाद
10.यूरेनियम कार्पोरेशन ऑफ़ इंडिया लिमिटेड(यूसीआईएल),जादूगुडा, बिहार
 
 
विक्रम साराभाई ने इसरो की स्‍थापना की थी। जो विज्ञान के क्षेत्र में सबसे बड़ी उपलिब्‍ध है। विक्रम साराभाई ने एक वाक्‍या कहा था, 'हमें अपने लक्ष्य पर कोई संशय नहीं है. हम चन्द्र और उपग्रहों के अन्वेषण के क्षेत्र में विकसित देशों से होड़ का सपना नहीं देखते. किंतु राष्ट्रीय या अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अर्थपूर्ण भूमिका निभाने के लिए मानव समाज की कठिनाइयों के हल में अति-उन्नत तकनीक के प्रयोग में किसी से पीछे नहीं रहना चाहते. 
 
 
 
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