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Last Updated : सोमवार, 1 जून 2020 (15:15 IST)

क्या श्रीराम शर्मा आचार्य जी की ये भयावह भविष्यवाणी आज के संदर्भ में है?

Pandit shriram sharma acharya | क्या श्रीराम शर्मा आचार्य जी की ये भयावह भविष्यवाणी आज के संदर्भ में है?
सोशल मीडिया और यूट्यूब पर शांतिकुंज गायत्री परिवार ब्रह्म वर्चस्व के संस्थापक संत स्वर्गीय श्रीराम शर्मा की एक अमृतवाणी भविष्यवाणी के रूप में प्रचारित हो रही है जिसमें उन्होंने बहुत ही चौंकाने वाले बाते कहीं है। हालांकि इसमें उन्होंने दुनिया के स्वर्ग बनने की बात भी कही है। यह प्रवचन उन्होंने 1986 में दिया था। आओ संक्षिप्त में जानते हैं कि क्या कहा था पंडितजी ने।
 
 
वे कहते हैं कि यह सामान्य समय नहीं है। असामान्य समय है। इसमें दुनिया की कायापलट हो जाएगी। जमीन आसमान पर चली जाएगी। आसमान जमीन पर आ जाएगा ये बात तो नहीं होगी लेकिन जिस तरह की परिस्थितियों पर आज आप हैं ये परिस्थितियां अगले दिनों भी रहेंगी। इसमें बहुत काफी हेरफेर पड़ने वाला है। एक पक्ष विनाश का पक्ष है। विनाश का पक्ष चारों और चलेगा। देख लेना आप तो जिंदा रहेंगे। जिंदा तो हमको भी रहना है लेकिन हम स्थूल शरीर से नहीं रहेंगे तो सूक्ष्म शरीर से रहेंगे। बराबर काम करते रहेंगे और आपके साथ रहेंगे।
 
 
उस समय में क्या होगा? बड़ी मुसीबतें आएंगी और मुसीबतें से आप भी बच नहीं सकेंगे। चारों दिशाओं में जब आंधियां आती हैं, तूफान आते हैं बरसात आती हैं तब कोई भी आदमी बच नहीं सकता है। अगले दिन भयंकर आने वाले हैं। इसमें क्या होने वाला है?
 
नेचर, प्रकृति हमसे नाराज हो गई है। बीमारियां फैलती हैं तो ऐसी फैलती हैं कि डॉक्टर लोग कहते हैं कि हमने तो इसका नाम भी नहीं सुना, कभी देखा भी नहीं। हमारी किताब में पढ़ाया भी नहीं गया, हम क्या दवा दें इसकी? और डॉक्टर कहते हैं क्या सुई लगाएं क्या दवा दें। पता तो है नहीं ऐसा मरीज कभी देखा नहीं। ऐसी बीमारियों पर बीमारियां चली आ रही हैं। हम प्रकृति के प्रकोप से घिरे हुए है। हम जहर से घिरे हुए हैं। हम वस्तुओं के अभाव से घिरे हुए हैं। हम महंगाइयों से घिरे हुए हैं और लोगों के खिलवाड़ से घिरे हुए हैं।
 
 
आपका हम काम करेंगे और सारी दुनिया का हम काम करेंगे। विद्वान नहीं है हम। हम तपस्वी हैं। जबसे हमने जन्म धारण किया है। तब से लेकर के और इस समय तक हमारी पूरी की पूरी जिंदगी एक तपस्वी का जीवन में व्यतीत हुई है। इसलिए तपस्वी के पास जो शक्ति होना चाहिए वह हमारे पास है। 
 
ये दुनिया बड़ी तहस नहस हो रही है। तो आप इसका क्या करोगे। इसको हम एक धुरी पर इकट्ठी करेंगे। एक धर्म सारी दुनिया का होगा और एक राष्ट्र सारी दुनिया का होगा। एक मेनेजमेंट, एक व्यवस्था दुनिया में होगी। ऐसी व्यवस्था होगी कि कोई आदमी छोटे बड़ा नहीं होगा।... सभी एकता से रहेंगे।
 
विषम काल जो आ रहा है। इससे बड़ा विषमकाल कभी नहीं आया। दुनिया को हम शानदार बनाएंगे। लड़ोगे? पहले हम लड़ेंगे। नींव खोदनी पड़ती है, और उसके बाद महल बनाया जाता है। नींव खोदने में बड़ा संघर्ष होने वाला है। अब इस समय जो लोग हैं उनसे हम कहें, जैसे अभी हम आपके सामने कह रहे हैं तो कोई मान जाएगा क्या? नहीं कोई नहीं मानेगा। तो फिर क्या करना पड़ेगा? जो जिस भाषा में समझता है उसको उसी की भाषा में समझाना पड़ेगा।
 
 
दुनिया का एकीकरण करना है। सारे विश्व में फैले हुए राज्यों का (देशों का) एकीकरण करना है। सबको समानता का हिस्सा होगा। सब आदमी मिल बांटकर खाएंगे और हंसते हुए रहेंगे। तोड़ने में भी शक्ति लगाएंगे और बढ़ाने में भी शक्ति लगाएंगे। आपको दु:खी हम नहीं रहने देंगे। आपको कठिनाइयों में घिरा हम नहीं रहने देंगे। आपको हम ऊंचा उठाएंगे। सभी दृष्टि से, पैसे की दृष्टि से? पैसा तो? बेटा अगले दिन ऐसे आएंगे कि कोई सोने की सलाखें घर में जमा करेगा नहीं। जो चीज रहेगी नहीं उसको हम क्या देंगे। मालदार नहीं बनाओगे? नहीं मालदार हम नहीं बनाएंगे। आपको हम भावनाशील बनाएंगे। आपको हम विचारशील बनाएंगे। सारे संसार को हम शानदार बनाएंगे। ऊंचा उठा हुआ बनाएंगे। समुन्नत बनाएंगे। सुखी बनाएंगे और इस तरह का बनाएंगे जिस तरह का स्वर्ग। धरती पर स्वर्ग दिखे। अगली हमारी ये योजना है।
 
 
साभार : यूट्यूब shantikunjvideo Gayatri Pariwar
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