तुम्हारे ख्वाब गुलाबी रोशनी की तरह
प्रेम कविता
तारे, चंद्रमा, पेड़असँख्य तारे हैं जिनमें तुम्हारी आँखों की चमक हैऔर चंद्रमा भीजो अँगूठी की तरह रात की अँगुली में जगमग हैऔर अधखिले फूल भी हैं इतने हैंजो तुम्हारी जुल्फों में खिल जाने के लिए बेताब हैंइतने नक्षत्र हैं जिनके दुपट्टों में तुम्हारे ख्वाब गुलाबी रोशनी की तरह तैर रहे हैंऔर मुहूर्त भीजिसमें तुम मुझे अपने पास आने के लिए पुकार सकोऔर वह पेड़ शरमाते हुए कितना हरा हो गया हैजिसके पीछे छिपते हुए तुमने मुझे छुआ।