शुक्रवार, 19 अप्रैल 2024
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कविता : जीएसटी और उसका विरोध

कविता : जीएसटी और उसका विरोध - Poem On GST
जीएसटी और उसका विरोध
सरकार ने जीएसटी लाया,
कंपनियों ने मॉल बनाया
हमने किसी स्टॉकिस्ट से पूछा!
 
भाई साहब दो नंबर से कैसे कमाएंगे?
उसने तपाक से उत्तर दिया,
अरे यार कितना मुर्ख है तू!
हम क्यों नहीं कमाएंगे,
                   
कंपनी से कच्चे पर्चे पर मॉल उठाएंगे!
और रास्ते में किसी ने रोक भी लिया तो,
ये चांदी के जूते किस काम आएंगे?
सेल टैक्स और इनकम टैक्स के बाबू,
 
गोदामों में नहीं रोड पर ही मिल जाएंगे!
और चांदी के ........ खा कर,
मेरा मॉल पास कराएंगे!
 
दिन दूना-रात चौगुना बढ़ेंगे हम,
जीएसटी और सरकार के खिलाफ,
सड़क पर उतर कर 
जनता के हित के लिए लड़ेंगे हम!