गुरुवार, 18 अप्रैल 2024
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Written By WD

हिन्दी कविता : रंगों की होली

हिन्दी कविता : रंगों की होली - Holi poem/ Holi ke Rang
रंग ढूंढो दुनिया में
मिल जाएंगे अनेक
लेकिन जिसमें मिलते सारे
उस मिट्टी का रंग है एक
 
रंग बिरंगे पक्षियों की
देखो ऊंची उड़ान
लेकिन केवल है नीला
उनका आसमान

तरह-तरह के वस्त्र यहां पर
सबका रंग अलग
एक ही तो होता है
रंग कपास का मगर
 
वर्दी का रंग बताता
कहां है सैनिक रहता
लेकिन उसका रंग एक 
जो खून युद्ध में बहता
 
रंगों को दुनिया के 
साथ बुलाती होली
बैर भुलाती, मेल कराती
जैसे दामन और चोली
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